'यहां भी' आशीष नेहरा का पत्ता साफ...युवराज सिंह पर 'बड़ा खतरा'!

टीम इंडिया अपने दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर अगले साल की शुरुआत में जाएगी. लेकिन उससे पहले युवराज सिंह सहित कई खिलाड़ियों की नींद उड़ी हुई है. नींद उड़ने का कारण टीम में चयन को लेकर नहीं, बल्कि कुछ और ही है.

'यहां भी' आशीष नेहरा का पत्ता साफ...युवराज सिंह पर 'बड़ा खतरा'!

युवराज सिंह (भारतीय क्रिकेटर)

खास बातें

  • पहले रैना गए...अब आशीष नेहरा..युवराज का क्या होगा?
  • युवराज ने खड़ी की बीसीसीआई के सामने समस्या !
  • युवराज को लेकर होगा बड़े फैसले का ऐलान!
नई दिल्ली:

पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला क्रिकेट ग्राउंड पर शानदार विदाई हासिल करने वाले पूर्व लेफ्टी सीमर आशीष नेहरा का एक और मामले में पत्ता साफ हो गया है! वैसे पत्ता साफ कई और खिलाड़ियों का भी होने के आसार हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल आतिशी बल्लेबाज युवराज सिंह को लेकर है. अगर यह कहा जाए कि युवराज सिंह पर बड़ा खतरा नहीं मंडरा रहा है, तो यह पूरी तरह से गलत होगा. 

चंद दिन पहले की ही बात है, जब बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात को लेकर सवाल उठाया था कि युवराज सिंह रणजी ट्रॉफी मैचों में हिस्सा न लेकर नेशनल क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में क्यों पसीना बहा रहे हैं. इस पर युवराज सिंह की तरफ से अभी तक कोई सफाई नहीं ही आई है. युवराज सिंह हाल ही में जहीर खान की शादी के कई कार्यक्रमों में अपनी पत्नी हेजल के साथ हिस्सा लेते हुए भी दिखाई दिए और उनकी कई तस्वीरें सामने आई हैं. वैसे युवराज को एक झटका 19 साल के युवा बल्लेबाज अमोलप्रीत सिंह ने भी दिया है. अमोलप्रीत ने रणजी ट्रॉफी में दो शतक ठोककर पंजाब रणजी ट्रॉफी टीम में युवराज की जगह मिली जगह पर अपना कब्जा कर लिया है. 

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वैसे युवराज सिंह पर जो खतरा मंडरा रहा है, वह पार्थिव पटेल, धवल कुलकर्णी, मनदीप सिंह और कुछ हद तक अमित मिश्रा पर भी मंडरा रहा है. बता दें कि इन सभी खिलाड़ियों पर मंडरा रहा यह खतरा बीसीसीआई के सालाना सैलरी अनुबंध को लेकर है. अब जबकि आशीष नेहरा ने संन्यास ले लिया है, तो नेहरा का अनुबंध से बाहर होना महज औपचारिकता भर है. खत्म हुए सेशन में नेहरा सी ग्रेड में शामिल थे. लेकिन जब कुछ दिन बाद बीसीसीआई के आला अधिकारी खिलाड़ियों को नया अनुबंध प्रदान करेंगे, तो उन पर सबसे बड़ा दबाव यही होगा कि युवराज सिंह को अनुबंध प्रदान किया जाए, या नहीं। वजह यह है कि युवराज सिंह वनडे टीम से तो बाहर चल ही रहे हैं, वहीं उन्होंने रणजी ट्रॉफी मैचों में भी हिस्सा नहीं लिया है. फिलहाल युवराज सिंह ग्रेड बी में शामिल हैं. इस कैटेगिरी में शामिल हर खिलाड़ी को सालाना एक करोड़ रुपये दिए जाते हैं. 

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वैसे कुछ और खिलाड़ी हैं, जो बीसीसीआई के अनुबंध में शामिल होने के लिए बहुत ही बेकरारी से इंतजार कर रहे हैं. इनमें युवा चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव का नाम सबसे आगे है. वहीं, हालिया रणजी ट्रॉफी मैचों में बेहतर करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन और स्थापित खिलाड़ी दिनेश कार्तिक भी हैं, तो इस साल रणजी ट्रॉफी मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले मयंक अग्रवाल भी हैं. वहीं, कुछ खिलाड़ियों को सी से बी और बी से सी ग्रेड में प्रमोशन मिलना सौ फीसदी तय है. प्रमोशन की कतार में सबसे आगे चल रहा नाम हार्दिक पांड्या का है, जो फिलहाल सी ग्रेड में हैं.

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वहीं, भुवनेश्वर कुमार को भी साल 2017-18 के लिए बी से ए ग्रेड में लाया जा सकता है. इनके अलावा हाल ही में टेस्ट टीम में शामिल किए गए तमिलनाडु के विजय शंकर, न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में टी-20 खेलने वाले युवा सीमर मोहम्मद सिराज, श्रेयस अय्यर और श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए टीम में शामिल किए गए  पंजाब के सीमर सिद्धार्थ कौल का नाम भी उन खिलाड़ियों में शामिल है, जो कॉन्ट्रैक्ट पाने की देहरी पर खड़े हैं.

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बहरहाल, किस खिलाड़ी को क्या मिलेगा और क्या नहीं, यह अगले एक या डेढ़ महीने में पूरी तरह साफ हो जाएगा. लेकिन जब तक इस बाबत कोई ऐलान नहीं होता, तब तक युवराज सिंह सहित कई खिलाड़ियों की नींद उड़ी रहेगी. 


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