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This Article is From Jul 17, 2013

एशेज़ सीरीज़ की बहुत-सी यादें जुड़ी हैं लॉर्ड्स के मैदान से...

एशेज़ सीरीज़ की बहुत-सी यादें जुड़ी हैं लॉर्ड्स के मैदान से...
नई दिल्ली: वर्ष 1882 के बाद से हर एशेज़ सीरीज़ के दौरान एक टेस्ट मैच 'क्रिकेट का मक्का' कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान में ज़रूर खेला जाता है, और इस बार की शृंखला भी अपवाद नहीं है। मौजूदा सीरीज़ का दूसरा टेस्ट मैच गुरुवार को लॉर्ड्स में शुरू हो रहा है, जहां मेहमान टीम का रिकॉर्ड फिलहाल शृंखला में 1-0 से आगे चल रही मेज़बान टीम से बेहतर है।

ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन को क्रिकेट की दुनिया का महानतम बल्लेबाज कहा जाता है और इससे शायद ही कोई असहमत होगा। एशेज़ शृंखलाओं के दौरान लॉर्ड्स के मैदान पर आज तक का सबसे बड़ा स्कोर डॉन ब्रैडमैन के नाम ही है। वर्ष 1930 में खेली गई सीरीज़ के दौरान सर ब्रैडमैन ने 254 रनों की पारी खेली थी, जिसे वह खुद भी अपने करियर की बेहतरीन पारी माना करते थे।

'क्रिकेट के मक्का' लॉर्ड्स पर शतक ठोकना दुनिया के हर बल्लेबाज का सपना होता है, और इंग्लैंड के माइकल आर्थर्टन भी अपनी आंखों में यही सपना संजोए वर्ष 1993 की सीरीज़ में उतरे थे, लेकिन 99 के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए। इसके बाद आर्थर्टन आठ साल तक क्रिकेट खेलते रहे, लेकिन अपने ही देश के इस मैदान पर शतक बनाने का सपना पूरा नहीं कर सके।

बल्लेबाजों की तरह गेंदबाज भी लॉर्ड्स की पिच पर कमाल दिखाने को बेताब रहते हैं। वर्ष 2009 में 'फ्रेडी' के नाम से जाने जाने वाले इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रू फ्लिंटॉफ ने एशेज़ सीरीज़ के दौरान लॉर्ड्स टेस्ट के तुरंत बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी। टखने की चोट से जूझ रहे फ्रेडी ने लॉर्ड्स पर अपना आखिरी मैच खेला और टेस्ट में छह विकेट लेकर शानदार अंदाज़ में क्रिकेट को अलविदा कहा।

उधर, ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाजों में शुमार किए जाने वाले ग्लेन मैक्ग्रा ने वर्ष 1997 की एशेज़ सीरीज़ के दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड टीम की कमर तोड़कर रख दी थी, और लॉर्ड्स की पिच पर पूरी इंग्लिश टीम सिर्फ 77 रन पर सिमट गई। इस पारी में 38 रन देकर आठ विकेट चटकाने वाले मैक्ग्रा ने मैच में कुल 103 रन देकर नौ विकेट लिए थे, हालांकि मैच ड्रॉ रहा था।

वैसे, लॉर्ड्स के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेजबान इंग्लैंड का रिकॉर्ड हमेशा से खराब ही रहा है। वर्ष 2009 की एशेज़ शृंखला के दौरान इंग्लैंड को रिकॉर्ड सुधारने का मौका मिला, और वे 75 साल बाद लॉर्ड्स पर टेस्ट मैच जीतने में कामयाब हुई। इस जीत का पूरा श्रेय इंग्लिश टीम के तत्कालीन कप्तान एंड्रू स्ट्रॉस को जाता है, जिन्होंने मैच की पहली पारी में 161 रन बनाए और आखिरकार इंग्लैड की 115 रनों की जीत की नींव रखी।

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