असेला गुणरत्ने ने सिर्फ 46 गेंदों का सामना करते हुए 84 रन बनाए
नई दिल्ली:
विक्टोरिया के सिमंड्स स्टेडियम पर श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए सीरीज के दूसरे टी-20 मैच को श्रीलंका ने दो विकेट से जीतकर सीरीज पर अपना कब्ज़ा कर लिया. श्रीलंका के असेला गुणरत्ने ने अकेले अपने दम पर श्रीलंका को जिताया. गुणरत्ने की आतिशी पारी के सामने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ घुटने टेकते हुए नज़र आए. एक समय ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया इस मैच को आराम से जीत जाएगा लेकिन गुणरत्ने ने अंतिम तक नॉट-आउट रहते हुए और आखिरी गेंद पर चौक लगाकर श्रीलंका को एक शानदार जीत दिलाई.
मोइसेस हेनरिक्स ने बनाया टी-20 करियर का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर
टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 20 ओवरों में 173 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही. टीम का स्कोर जब सिर्फ 18 रन था तब कप्तान एरोन फिंच सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए. दूसरे विकेट के लिए माइकल क्लिंजर और बेन डंक के बीच 45 रन की साझेदारी हुई. दूसरे विकेट के रूप में डंक 32 रन बनाकर आउट हुए. क्लिंजर और चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए और मोइसेस हेनरिक्स के बीच 50 रन की साझेदारी हुई. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर जब 113 रन था तब क्लिंजर 43 रन बनाकर आउट हो गए. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से हेनरिक्स ने अपने टी-20 करियर का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया. हेनरिक्स ने 37 गेंदों का सामना करते हुए दो छक्के और दो चौके की मदद से सबसे ज्यादा 56 रन बनाए.
श्रीलंका की शुरुआत ख़राब रही
युवा श्रीलंका टीम के पास एक मौक़ा था बदला लेने का. 2016 में श्रीलंका में दोनों देशों के बीच हुई दो मैचों की टी-20 सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 से जीता था. अब इस मैच को जीतकर श्रीलंका को सीरीज पर कब्ज़ा करना था. श्रीलंका की शुरुआत काफी ख़राब रही. सिर्फ 40 रन पर श्रीलंका ने पांच विकेट गवां दिए थे जिसमें श्रीलंका के कप्तान उपुल थरंगा का विकेट भी शामिल था. पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी करने आए असेला गुणरत्ने ने एक छोर से पारी को संभाले रखा. छठे विकेट के लिए गुणरत्ने और चमारा कपुगेदरा के बीच 52 रन की साझेदारी हुई. कपुगेदरा 32 रन बनाकर आउट हुए. श्रीलंका का स्कोर जब 119 रन था तब एस प्रसन्ना सिर्फ 7 रन बनाकर सातवें विकेट के रूप में आउट हो गए.
श्रीलंका को आखिरी तीन ओवरों में चाहिए थे 48 रन
एक तरफ गुणरत्ने ने पारी संभाल रखी थी तो दूसरी तरफ से विकेट गिरते जा रहे थे. श्रीलंका को आखिरी तीन ओवरों में जीतने के लिए 48 रन की जरूरत थी और हाथ में सिर्फ तीन विकेट थे. 18वें ओवर में श्रीलंका के खाते में 12 रन आए. अब आखिरी दो ओवर में 36 रन की जरूरत थी. 19वें ओवर में गुणरत्ने ने लगातार तीन छक्के लगाए और आखिरी गेंद पर भी चौका लगाया. इस तरह 19वें ओवर में श्रीलंका को 22 रन मिले. नौवें विकेट के लिए गुणरत्ने और नुवान कुलसेकरा के बीच 41 रनों की साझेदारी हुई लेकिन इन 41 रनों में कुलसेकरा का योगदान सिर्फ 12 रन था जबकि गुणरत्ने ने 29 रन बनाए.
आखिरी ओवर का रोमांच
आखिरी ओवर में श्रीलंका को जीतने के लिए 14 रन की जरूरत थी और स्ट्राइक पर कुलासेकरा थे. 20वें ओवर की पहले गेंद पर कुलासेकरा आठवें विकेट के रूप में सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए, तब श्रीलंका का स्कोर 160 रन था. कुलासेकरा जब कैच आउट हुए तब तक दोनों बल्लेबाज एक दूसरे को क्रॉस कर चुके थे. अब स्ट्राइक पर गुणरत्ने थे और आखिरी पांच गेंदों में जीतने के लिए 14 रन की जरूरत थी. 20वें ओवर की दूसरी गेंद पर गुणरत्ने ने चौका लगाया और तीसरी गेंद पर छक्का जड़ दिया. चौथी गेंद पर गुणरत्ने ने एक रन लिया और स्ट्राइक पर मलिंगा आ गए. आखिरी दो गेंदों में जीतने के लिए तीन रन की जरूरत थी. मलिंगा ने पांचवीं गेंद पर एक रन लेते हुए गुणरत्ने को आखिरी गेंद खेलने के लिए दी. अब श्रीलंका को जीतने के लिए आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे. गुणरत्ने ने आखिरी गेंद पर चौका लगते हुए श्रीलंका को शानदार जीत दिला दी. गुणरत्ने ने सिर्फ 46 गेंदों का सामना करते हुए पांच छक्के और छह चौके के मदद सबसे ज्यादा 84 रन बनाए. इस शानदार पारी की वजह से गुणरत्ने ने “मैन ऑफ़ द मैच” का ख़िताब भी जीता. सीरीज के पहले मैच में भी गुणरत्ने ने श्रीलंका की तरफ से सबसे ज्यादा 52 रन बनाए थे और “मैन ऑफ़ द मैच' का ख़िताब जीता था.
मोइसेस हेनरिक्स ने बनाया टी-20 करियर का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर
टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 20 ओवरों में 173 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही. टीम का स्कोर जब सिर्फ 18 रन था तब कप्तान एरोन फिंच सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए. दूसरे विकेट के लिए माइकल क्लिंजर और बेन डंक के बीच 45 रन की साझेदारी हुई. दूसरे विकेट के रूप में डंक 32 रन बनाकर आउट हुए. क्लिंजर और चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए और मोइसेस हेनरिक्स के बीच 50 रन की साझेदारी हुई. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर जब 113 रन था तब क्लिंजर 43 रन बनाकर आउट हो गए. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से हेनरिक्स ने अपने टी-20 करियर का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया. हेनरिक्स ने 37 गेंदों का सामना करते हुए दो छक्के और दो चौके की मदद से सबसे ज्यादा 56 रन बनाए.
श्रीलंका की शुरुआत ख़राब रही
युवा श्रीलंका टीम के पास एक मौक़ा था बदला लेने का. 2016 में श्रीलंका में दोनों देशों के बीच हुई दो मैचों की टी-20 सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 2-0 से जीता था. अब इस मैच को जीतकर श्रीलंका को सीरीज पर कब्ज़ा करना था. श्रीलंका की शुरुआत काफी ख़राब रही. सिर्फ 40 रन पर श्रीलंका ने पांच विकेट गवां दिए थे जिसमें श्रीलंका के कप्तान उपुल थरंगा का विकेट भी शामिल था. पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी करने आए असेला गुणरत्ने ने एक छोर से पारी को संभाले रखा. छठे विकेट के लिए गुणरत्ने और चमारा कपुगेदरा के बीच 52 रन की साझेदारी हुई. कपुगेदरा 32 रन बनाकर आउट हुए. श्रीलंका का स्कोर जब 119 रन था तब एस प्रसन्ना सिर्फ 7 रन बनाकर सातवें विकेट के रूप में आउट हो गए.
श्रीलंका को आखिरी तीन ओवरों में चाहिए थे 48 रन
एक तरफ गुणरत्ने ने पारी संभाल रखी थी तो दूसरी तरफ से विकेट गिरते जा रहे थे. श्रीलंका को आखिरी तीन ओवरों में जीतने के लिए 48 रन की जरूरत थी और हाथ में सिर्फ तीन विकेट थे. 18वें ओवर में श्रीलंका के खाते में 12 रन आए. अब आखिरी दो ओवर में 36 रन की जरूरत थी. 19वें ओवर में गुणरत्ने ने लगातार तीन छक्के लगाए और आखिरी गेंद पर भी चौका लगाया. इस तरह 19वें ओवर में श्रीलंका को 22 रन मिले. नौवें विकेट के लिए गुणरत्ने और नुवान कुलसेकरा के बीच 41 रनों की साझेदारी हुई लेकिन इन 41 रनों में कुलसेकरा का योगदान सिर्फ 12 रन था जबकि गुणरत्ने ने 29 रन बनाए.
आखिरी ओवर का रोमांच
आखिरी ओवर में श्रीलंका को जीतने के लिए 14 रन की जरूरत थी और स्ट्राइक पर कुलासेकरा थे. 20वें ओवर की पहले गेंद पर कुलासेकरा आठवें विकेट के रूप में सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए, तब श्रीलंका का स्कोर 160 रन था. कुलासेकरा जब कैच आउट हुए तब तक दोनों बल्लेबाज एक दूसरे को क्रॉस कर चुके थे. अब स्ट्राइक पर गुणरत्ने थे और आखिरी पांच गेंदों में जीतने के लिए 14 रन की जरूरत थी. 20वें ओवर की दूसरी गेंद पर गुणरत्ने ने चौका लगाया और तीसरी गेंद पर छक्का जड़ दिया. चौथी गेंद पर गुणरत्ने ने एक रन लिया और स्ट्राइक पर मलिंगा आ गए. आखिरी दो गेंदों में जीतने के लिए तीन रन की जरूरत थी. मलिंगा ने पांचवीं गेंद पर एक रन लेते हुए गुणरत्ने को आखिरी गेंद खेलने के लिए दी. अब श्रीलंका को जीतने के लिए आखिरी गेंद पर दो रन चाहिए थे. गुणरत्ने ने आखिरी गेंद पर चौका लगते हुए श्रीलंका को शानदार जीत दिला दी. गुणरत्ने ने सिर्फ 46 गेंदों का सामना करते हुए पांच छक्के और छह चौके के मदद सबसे ज्यादा 84 रन बनाए. इस शानदार पारी की वजह से गुणरत्ने ने “मैन ऑफ़ द मैच” का ख़िताब भी जीता. सीरीज के पहले मैच में भी गुणरत्ने ने श्रीलंका की तरफ से सबसे ज्यादा 52 रन बनाए थे और “मैन ऑफ़ द मैच' का ख़िताब जीता था.
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