अमित मिश्रा की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कोलंबो के एसएससी मैदान पर अमित मिश्रा ने अपने टेस्ट करियर की तीसरी हाफ़-सेंचुरी बनाई। मुश्किल वक़्त में बल्लेबाज़ी को आए मिश्रा ने पुजारा का खूब साथ दिया। आठवें विकेट के लिए मिश्रा ने पुजारा के साथ 104 रन जोड़े। इस दौरान मिश्रा ने अपने टेस्ट करियर की तीसरी हाफ़-सेंचुरी बनाई।
जिस विकेट पर टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ नाकाम रहे उसी विकेट पर मिश्रा ने बिना डरे बल्लेबाज़ी की। धमिका प्रसाद की शॉट बॉल पर मिश्रा ने मिडविकेट पर शानदार चौका भी लगाया। हालांकि थरिंडो कौशल के एक ओवर में वो चार बार आउट होने से बचे।
ये पहला मौक़ा नहीं है जब मिश्रा ने टेस्ट में अर्द्धशतीय पारी खेली हो। इससे पहले मिश्रा ने जनवरी 2010 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चटगांव टेस्ट में अपना पहला टेस्ट अर्द्धशतक बनाया था।
मिश्रा का दूसरा टेस्ट अर्द्धशतक भी विदेश में आया। मिश्रा ने अगस्त 2011 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार 84 रन की पारी खेली। इसी टेस्ट की पहली पारी में वो 43 रन बनाकर अर्द्धशतक से चूक गए थे।
गॉल टेस्ट में हार के बाद अमित मिश्रा ने नेट्स में बल्लेबाज़ी का अभ्यास किया। मिश्रा ने अपनी बल्लेबाज़ी अभ्यास पर कहा था कि कप्तान विराट कोहली चाहते हैं कि निचले क्रम के बल्लेबाज़ भी रन बनाने में योगदान करें ताकि टीम इंडिया स्कोर बोर्ड पर ज़्यादा से ज़्यादा रन बना सके। मिश्रा ने कोलंबो में 59 रन की पारी खेलकर दिखा दिया कि बल्लेबाज़ी का अभ्यास करने से उनको कितना फ़ायदा हुआ है।
जिस विकेट पर टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज़ नाकाम रहे उसी विकेट पर मिश्रा ने बिना डरे बल्लेबाज़ी की। धमिका प्रसाद की शॉट बॉल पर मिश्रा ने मिडविकेट पर शानदार चौका भी लगाया। हालांकि थरिंडो कौशल के एक ओवर में वो चार बार आउट होने से बचे।
ये पहला मौक़ा नहीं है जब मिश्रा ने टेस्ट में अर्द्धशतीय पारी खेली हो। इससे पहले मिश्रा ने जनवरी 2010 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चटगांव टेस्ट में अपना पहला टेस्ट अर्द्धशतक बनाया था।
मिश्रा का दूसरा टेस्ट अर्द्धशतक भी विदेश में आया। मिश्रा ने अगस्त 2011 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार 84 रन की पारी खेली। इसी टेस्ट की पहली पारी में वो 43 रन बनाकर अर्द्धशतक से चूक गए थे।
गॉल टेस्ट में हार के बाद अमित मिश्रा ने नेट्स में बल्लेबाज़ी का अभ्यास किया। मिश्रा ने अपनी बल्लेबाज़ी अभ्यास पर कहा था कि कप्तान विराट कोहली चाहते हैं कि निचले क्रम के बल्लेबाज़ भी रन बनाने में योगदान करें ताकि टीम इंडिया स्कोर बोर्ड पर ज़्यादा से ज़्यादा रन बना सके। मिश्रा ने कोलंबो में 59 रन की पारी खेलकर दिखा दिया कि बल्लेबाज़ी का अभ्यास करने से उनको कितना फ़ायदा हुआ है।
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