- टीम इंडिया की हार के बाद कोच गंभीर और पूर्व कप्तान गावस्कर ने खराब बल्लेबाजी को हार की मुख्य वजह बताया
- गौतम गंभीर ने ईडन गार्डन्स की पिच की मांग की थी और कहा कि टीम के बल्लेबाजों का टेम्परामेंट और तकनीक कमजोर रही
- पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने गंभीर की आलोचना करते हुए खिलाड़ियों पर भरोसा रखने की जरूरत बताई और उनकी आलोचना की
कोलकाता में टीम इंडिया की हार के बाद कई भारतीय क्रिकेटर्स नाराज़ हैं कोच गौतम गंभीर और पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इसके लिए ख़राब बैटिंग को ज़िम्मेदार ठहराया है. जबकि, पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, हरभजन सिंह और चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गजों का मानना है कि पिच इस तरह की नहीं होती तो नतीज़ा कुछ और होता. घरेलू मैदान पर टाइगर कही जाने वाली टीम ने पिछले 6 टेस्ट में 4 गंवा दिये हैं जितने की उसने 2013 से 2023 के बीच गंवाए थे.
ख़राब बैटिंग की वजह से हारे- गंभीर आरोप
ईडन गार्डन्स पर जिस पिच पर टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा उसकी मांग कोच गौतम गंभीर ने की थी. मैच के बाद उन्होंने इसकी ज़िम्मेदारी भी ली. लेकिन गौतम गंभीर ने कहा, “अगर हम हमेशा विकेट के बारे में ही बात करेंगे तो ठीक नहीं है. इस ट्रैक पर ज़्यादातर विकेट सीमर्स को मिले हैं. ये वो विकेट था जहां आपकी तकनीक, आपकी स्किल और उससे भी ज़्यादा आपका टेम्परामेंट टेस्ट होता है. इसपर केएल राहुल, वाशि और टेम्बा बावुमा ने भी रन बनाए. आपका डिपेंस सॉलिड है तो ऐसा नहीं है कि जहां आप रन नहीं बना सकते. हम पहले भी ऐसे विकेट पर खेले हैं.”इस तरह की पिच को लेकर गंभीर आलोचकों के निशाने पर आ गए. लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर इस मसले पर गंभीर के पक्ष में दलील देते नज़र आये.
गंभीर को गावस्कर का साथ
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने ईडन गार्डन्स की पिच के बजाए बैटर्स के टेम्परामेंट यानी उनके तरीकों को लेकर सवाल ठाए. गावस्कर ने गंभीर की राय से इत्तेफ़ाक रखते हुए कहा कि कोलकाता की पिच उतनी ख़राब नहीं थी. बल्कि, टीम इंडिया के बैटर्स अपने टेम्परामेंट और साउंड तकनीक में कमी की वजह से मैच हारे हैं.
भड़के गए गांगुली: गंभीर शायद मेरी बात सुन रहे हों
कोलकाता में दक्षिण अफ़्रीका ख़िलाफ़ गांगुली और उनकी टीम से जैसी पिच मांगी गई, गांगुली खुद उसके पक्ष में नहीं थे और ना ही उससे खुश थे. मैच के बाद गांगुली और गंभीर तो आमने-सामने आ गए. गंभीर ने टीम की ख़राब बैटिंग को आड़े हाथों लिया तो गांगुली ने NDTV से EXCLUSIVE बात करते हुए गंभीर पर सीधा निशाना साधा. गांगुली ने NDTV से बात करते हुए कहा, “मेरे पास गंभीर के लिए काफ़ी वक्त है. उन्हें अपने लोगों पर भरोसा करना सीखना चाहिए जो कि पांच दिन का टेस्ट मैच खेले ना कि 3 दिनों में टेस्ट ख़त्म हो जाये. उम्मीद करता हूं कि गंभीर ये सुन रहे होंगे.”
क्रिकेट के लिए शुभ संकेत नहीं- भज्जी
पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह गांगुली के सुर में अपनी बात कही. भज्जी ने कहा, "ईडन गार्डन्स की पिच ने निराश किया. दक्षिण अफ्रीका टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 159 रन पर सिमट गई. मुझे भारतीय टीम से बेहतर बल्लेबाजी की उम्मीद थी, लेकिन भारतीय टीम भी 189 रन ही बना सकी. भारत की 30 रन की बढ़त 300 रन की लगी थी. टेस्ट क्रिकेट के लिए ये शुभ संकेत नहीं है."
भज्जी यहीं नहीं रुके. भज्जी ने भड़कते हुए कहा, "हाल के कुछ सालों में हमें भारत में ऐसी पिच देखने को मिली है. इस वजह से टेस्ट क्रिकेट का मजाक बना है. ऐसी पिच पर आपकी तकनीक कितनी भी अच्छी हो, चाहे बल्लेबाज तेंदुलकर या विराट ही क्यों न हों, मुझे नहीं लगता कि वे यहां टिक पाते. गेंद कहीं से भी उछल रही है, कभी नीची रहती है तो कभी स्पिन लेती है. ऐसी परिस्थितियों में काबिलियत से ज्यादा भाग्य के भरोसे काम होता है. हमने पहले कभी ऐसी परिस्थिति नहीं देखी. यह सही नहीं है."
सब डर कर खेल रहे- मो. कैफ़
पूर्व भारतीय क्रिकेटर मो. कैफ ने पिच के साथ कुछ और मुद्दे भी उठा दिये. कैफ़ ने सरफ़राज़ ख़ान जैसे क्रिकेटर की मिसाल देते हुए कहा, "जो भी खिलाड़ी खेल रहे हैं, उन्हें यह एहसास नहीं है कि कोई उनके लिए खड़ा है. कोई समर्थन नहीं है, सब डर के खेल रहे हैं. सब डर के खेल रहे हैं, कोई खुल के नहीं खेल रहा." कैफ ने आगे कहा,"अगर सरफ़राज़ खान की जगह शतक लगाने के बाद पक्की नहीं होती. शतक लगाने के बाद भी वह वापसी नहीं कर पा रहे हैं. साई सुदर्शन ने 87 रन बनाए. वह अगला टेस्ट मैच नहीं खेलेंगे. मुझे लगता है कि टीम में बहुत भ्रम है."
| कप्तान | टेस्ट मैच | जीत | हार |
| रवि शास्त्री | 43 | 25 | 13 |
| राहुल द्रविड़ | 24 | 14 | 7 |
| गौतम गंभीर | 18 | 7 | 9 |
मैं मानने के लिए तैयार नहीं- पुजारा
चेतेश्वर पुजारा जैसे पूर्व क्रिकेटर भी STAR SPORTS की कॉमेन्ट्री में खुलकर गंभीर को आड़े हाथों लेते नज़र आए. पुजारा ने कहा, “मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि भारतीय टीम ट्रान्जिशन की वजह से हारे ये मैं नहीं मान सकता. देखिए, भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में हारी क्योंकि तब वो ट्रान्ज़िन में थी, ये माना जा सकता है. लेकिन जो टैलेंट है इस टीम में, जो क्षमता है इस टीम में, सारे प्लेयर्स का फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड निकाल लें वो इतना अच्छा है. लेकिन फिर भी हारे इसका मतलब कुछ गड़बड़ है. अगर आप अच्छे विकेट पर खेलते तो यही मैच जीतने का चांस ज़्यादा था.”
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