श्रीलंका के चाइनामैन गेंदबाज लक्षण सांदकान...
श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी टेस्ट मैच के दूसरे दिन श्रीलंकाई स्पिन जोड़ी ने विरोधी बल्लेबाजों को जमकर छकाया। एक समय हावी दिख रही ऑस्ट्रेलियाई टीम 203 रन पर ही ढेर हो गई। श्रीलंका के स्पिनर रंगना हेराथ और पदार्पण टेस्ट खेल रहे लक्षण सांदकान की जादुई गेंदबाजी के आगे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बेबस नजर आए और विकेट गंवाते रहे। हेराथ से तो सब परिचित हैं, लेकिन सबको प्रभावित किया विलक्षण गेंदबाजी एक्शन वाले स्पिनर सांदकान ने, जो चाइनामैन शैली के गेंदबाज हैं। दरअसल क्रिकेट वर्ल्ड में इस शैली के गिने-चुने गेंदबाज ही हैं, जिनमें भारत से भी दो नाम शामिल हैं।
'चाइनामैन बॉलर' टर्म कैसे आया
जब कोई बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है, तो उसे चाइनामैन गेंदबाज कहते हैं। यह टर्म साल 1933 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेले गए एक टेस्ट मैच के दौरान आया था। जब वेस्टइंडीज के बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स बॉलर एलिस अचॉन्ग ने इंग्लैंड के बैट्समैन वाल्टर रॉबिन्स को ऑफ स्टंप के बाहर से गेंद को टर्न कराकर बोल्ड कर दिया, तो रॉबिन्स ने पैवेलियन लौटते समय झल्लाकर अंपायर से एलिस के लिए अपशब्दों के साथ 'चाइनामैन' शब्द का प्रयोग किया था। वास्तव में एलिस चीनी मूल के खिलाड़ी थे, जो वेस्टइंडीज के लिए खेलते थे।
सांदकान का कमाल
अपनी चाइनामैन शैली से सबका ध्यान खींचने वाले 25 साल के लक्षण सांदकान ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की खूब परीक्षा ली। हालांकि वह ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों के खिलाफ उतने सफल नहीं रहे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को धराशायी कर दिया और एक समय बड़ी बढ़त की ओर बढ़ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को 203 रन के स्कोर पर ढेर कर दिया। सांदकान ने करियर का पहला विकेट मिचेल मार्श को क्लीन बोल्ड करके लिया। अंत में उनका बॉलिंग फीगर 58 रन देकर 4 विकेट रहा।
सांदकान ने शानदार बॉलिंग के बाद कहा, "जब बल्लेबाज को गेंद खेलने में दिक्कत होती है और वह बार-बार चकमा खाता है, तो गेंदबाज का आत्मविश्वास बढ़ता है। यही वह समय था जब मुझे लगा कि मैं रंगना का बेहतर तरीके से साथ दे सकता हूं।' गौरतलब है कि रंगना हेराथ (25 ओवर, 49 रन, 4 विकेट) ने ऑस्ट्रेलिया के ऊपरी क्रम को सस्ते में चलता कर दिया था।
भारत में भी हैं दो चाइनामैन गेंदबाज
जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण अफ्रीका के पॉल एडम्स और ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग इस शैली के नामी खिलाड़ी हैं, वहीं भारतमें भी इस शैली के दौ गेंदबाज प्रभावी रहे हैं। इनमें से एक हैं कुलदीप यादव और दूसरे हैं शिविल कौशिक।
कुलदीप यादव ने दिया था सचिन को चकमा
कानपुर के कुलदीप यादव आईपीएल के दौरान चर्चा में आए थे, जब उन्होंने मुंबई इंडियंस के एक प्रैक्टिस मैच में सचिन तेंदुलकर को चकमा दे दिया था। सचिन जब आए, तो उनके सामने एक अंजान-सा युवा गेंदबाज था। उसने गेंद फेंकी। गेंद ऑफ स्टंप के बाहर पिच हुई और तेजी से अंदर की ओर आई, फिर क्या था- सचिन का मिडिल स्टंप उड़ गया। इससे तेंदुलकर भौचक रह गए। बाद में 18 साल के कुलदीप यादव ने कहा कि सचिन पाजी को मालूम ही नहीं था कि वे चाइनामैन गेंदबाज हैं। उनके अनुसार यह बात केवल कोच शॉन पोलक को पता थी। फिर क्या था कुलदीप छा गए। इसके बाद कुलदीप यादव नेशनल क्रिकेट एकेडमी में टीम इंडिया की नई 'दीवार' चेतेश्वर पुजारा को भी अपनी गेंद से चकमा देकर सबका ध्यान खींचा।
कुलदीप ने साल 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में स्कॉटलैंड के खिलाफ मुकाबले में हैट्रिक ली थी। उन्होंने इस मैच में चार विकेट झटके थे। उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बनने का गौरव भी हासिल किया था। उनकी बॉलिंग से वसीम अकरम इतने प्रभावित हुए कि उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स टीम में शामिल करवा लिया। पहले वे मुंबई इंडियन्स के लिए खेलते थे।
शिविल कौशिक को रैना ने मौका दिया
भारत के दूसरे चाइनामैन गेंदबाज का आगाज आईपीएल 2016 में हुआ। कौशिक को गुजराज लॉयन्स के कप्तान सुरेश रैना ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के खिलाफ मौका दिया था। कौशिक का एक्शन दक्षिण अफ्रीका के चाइनामैन बॉलर पॉल एडम्स के जैसा है। एडम्स ने इसे लेकर ट्वीट भी किया था। रैना की कप्तानी वाली गुजरात लॉयन्स ने कौशिक को आईपीएल-2016 में दस लाख रुपए के आधार मूल्य पर खरीदा था।
स्लो लेफ्ट ऑर्म गेंदबाज कौशिक ने आईपीएल में पदार्पण करने से पहले एक भी टी-20 मैच नहीं खेला था और न ही लिस्ट-ए का कोई मैच खेला था। वह कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) में खेलते थे। उनकी पहचान केपीएल में हुबली टाइगर्स के लिए खेलते हुए बनी।
'चाइनामैन बॉलर' टर्म कैसे आया
जब कोई बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है, तो उसे चाइनामैन गेंदबाज कहते हैं। यह टर्म साल 1933 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेले गए एक टेस्ट मैच के दौरान आया था। जब वेस्टइंडीज के बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स बॉलर एलिस अचॉन्ग ने इंग्लैंड के बैट्समैन वाल्टर रॉबिन्स को ऑफ स्टंप के बाहर से गेंद को टर्न कराकर बोल्ड कर दिया, तो रॉबिन्स ने पैवेलियन लौटते समय झल्लाकर अंपायर से एलिस के लिए अपशब्दों के साथ 'चाइनामैन' शब्द का प्रयोग किया था। वास्तव में एलिस चीनी मूल के खिलाड़ी थे, जो वेस्टइंडीज के लिए खेलते थे।
सांदकान का कमाल
अपनी चाइनामैन शैली से सबका ध्यान खींचने वाले 25 साल के लक्षण सांदकान ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की खूब परीक्षा ली। हालांकि वह ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों के खिलाफ उतने सफल नहीं रहे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम को धराशायी कर दिया और एक समय बड़ी बढ़त की ओर बढ़ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम को 203 रन के स्कोर पर ढेर कर दिया। सांदकान ने करियर का पहला विकेट मिचेल मार्श को क्लीन बोल्ड करके लिया। अंत में उनका बॉलिंग फीगर 58 रन देकर 4 विकेट रहा।
सांदकान ने शानदार बॉलिंग के बाद कहा, "जब बल्लेबाज को गेंद खेलने में दिक्कत होती है और वह बार-बार चकमा खाता है, तो गेंदबाज का आत्मविश्वास बढ़ता है। यही वह समय था जब मुझे लगा कि मैं रंगना का बेहतर तरीके से साथ दे सकता हूं।' गौरतलब है कि रंगना हेराथ (25 ओवर, 49 रन, 4 विकेट) ने ऑस्ट्रेलिया के ऊपरी क्रम को सस्ते में चलता कर दिया था।
भारत में भी हैं दो चाइनामैन गेंदबाज
जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण अफ्रीका के पॉल एडम्स और ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हॉग इस शैली के नामी खिलाड़ी हैं, वहीं भारतमें भी इस शैली के दौ गेंदबाज प्रभावी रहे हैं। इनमें से एक हैं कुलदीप यादव और दूसरे हैं शिविल कौशिक।
चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव
कुलदीप यादव ने दिया था सचिन को चकमा
कानपुर के कुलदीप यादव आईपीएल के दौरान चर्चा में आए थे, जब उन्होंने मुंबई इंडियंस के एक प्रैक्टिस मैच में सचिन तेंदुलकर को चकमा दे दिया था। सचिन जब आए, तो उनके सामने एक अंजान-सा युवा गेंदबाज था। उसने गेंद फेंकी। गेंद ऑफ स्टंप के बाहर पिच हुई और तेजी से अंदर की ओर आई, फिर क्या था- सचिन का मिडिल स्टंप उड़ गया। इससे तेंदुलकर भौचक रह गए। बाद में 18 साल के कुलदीप यादव ने कहा कि सचिन पाजी को मालूम ही नहीं था कि वे चाइनामैन गेंदबाज हैं। उनके अनुसार यह बात केवल कोच शॉन पोलक को पता थी। फिर क्या था कुलदीप छा गए। इसके बाद कुलदीप यादव नेशनल क्रिकेट एकेडमी में टीम इंडिया की नई 'दीवार' चेतेश्वर पुजारा को भी अपनी गेंद से चकमा देकर सबका ध्यान खींचा।
कुलदीप ने साल 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में स्कॉटलैंड के खिलाफ मुकाबले में हैट्रिक ली थी। उन्होंने इस मैच में चार विकेट झटके थे। उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बनने का गौरव भी हासिल किया था। उनकी बॉलिंग से वसीम अकरम इतने प्रभावित हुए कि उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स टीम में शामिल करवा लिया। पहले वे मुंबई इंडियन्स के लिए खेलते थे।
शिविल कौशिक को रैना ने मौका दिया
भारत के दूसरे चाइनामैन गेंदबाज का आगाज आईपीएल 2016 में हुआ। कौशिक को गुजराज लॉयन्स के कप्तान सुरेश रैना ने राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के खिलाफ मौका दिया था। कौशिक का एक्शन दक्षिण अफ्रीका के चाइनामैन बॉलर पॉल एडम्स के जैसा है। एडम्स ने इसे लेकर ट्वीट भी किया था। रैना की कप्तानी वाली गुजरात लॉयन्स ने कौशिक को आईपीएल-2016 में दस लाख रुपए के आधार मूल्य पर खरीदा था।
शिविल कौशिक और पॉल एडम्स (फाइल फोटो)
स्लो लेफ्ट ऑर्म गेंदबाज कौशिक ने आईपीएल में पदार्पण करने से पहले एक भी टी-20 मैच नहीं खेला था और न ही लिस्ट-ए का कोई मैच खेला था। वह कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) में खेलते थे। उनकी पहचान केपीएल में हुबली टाइगर्स के लिए खेलते हुए बनी।
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