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This Article is From Mar 04, 2015

वन-डे क्रिकेट की दूसरी सबसे बड़ी हार का सामना किया अफगानिस्तान ने...

नई दिल्ली : आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के इस संस्करण के दौरान भले ही ऑस्ट्रेलिया का वह जलवा और दहशत बरकरार न हो, जिसके लिए वह पिछले कई साल तक जानी जाती रही, लेकिन कम से कम अफगानिस्तान ने बुधवार को उनका वही रूप देखा, जब वे रनों के लिहाज़ से वर्ल्ड कप के इतिहास की सबसे बड़ी हार का सामना करने के लिए मजबूर हो गए।

बुधवार को पर्थ में वाका मैदान पर खेले गए मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर के 133 गेंदों में 19 चौकों और पांच छक्कों की मदद से बनाए धुआंधार 178 रनों के अलावा स्टीवन स्मिथ के 95 और ग्लेन मैक्सवेल के 88 रनों की बदौलत वर्ल्ड कप का सबसे बड़ा स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 417 रन बना डाला। इसके साथ ही उन्होंने टीम इंडिया का 414 रनों का रिकॉर्ड तोड़ा डाला, जो उन्होंने वर्ष 2007 के वर्ल्ड कप के दौरान बरमूडा के खिलाफ बनाया था।

इसके जवाब में अफगानिस्तान की टीम चार विकेट चटकाने वाले मिचेल जॉनसन समेत सभी कंगारू गेंदबाजों का सामना कतई नहीं कर पाए, और कुल 37.3 ओवर में 142 रन पर ढेर हो गए। अफगानिस्तान की ओर से सर्वाधिक 33 रन नवरोज़ मंगल ने बनाए। इसके साथ ही उन्हें 275 रनों से हार का सामना करना पड़ा, जो रनों के लिहाज़ से वर्ल्ड कप के इतिहास की सबसे बड़ी हार है।

हालांकि वन-डे क्रिकेट में इससे भी बड़ी हार झेलने वालों के रूप में आयरलैंड का नाम दर्ज है, जिन्हें न्यूजीलैंड ने 1 जुलाई, 2008 को एबरडीन के मैदान में 290 रन से हराया था। यह एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी हार का रिकॉर्ड है।

सबसे बड़ी हार का सामना करने वालों की इस सूची में अब दूसरे नंबर पर अफगानिस्तान का नाम दर्ज हो गया है, जिन्होंने ज़िम्बाब्वे को तीसरे स्थान पर धकेला। ज़िम्बाब्वे ने 22 अक्टूबर, 2010 को दक्षिण अफ्रीका के हाथों बेनोनी में 272 रनों से हार का सामना किया था। सूची में चौथा स्थान श्रीलंका का है, और उन्हें भी दक्षिण अफ्रीका ने ही 11 जनवरी, 2012 को पार्ल के मैदान पर 258 रन से हराया था।

सूची में पांचवें पायदान पर बरमूडा है, जो वर्ष 2007 के वर्ल्ड कप के दौरान 19 मार्च, 2007 को पोर्ट ऑफ स्पेन में भारत के हाथों 257 रन से हारे थे। छठे स्थान पर मौजूद वेस्ट इंडीज़ को मौजूदा वर्ल्ड कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका ने ही 27 फरवरी, 2015 को सिडनी में 257 रनों से ही हराया था।

सबसे बड़ी हार का सामना करने वालों की इस सूची में सातवें स्थान पर नामीबिया का नाम दर्ज है, जो वर्ष 2003 के वर्ल्ड कप के दौरान पोचेफ्स्ट्रूम में 27 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 256 रन से हारे थे। आठवां स्थान हांगकांग का है, जिन्हें एशिया कप के दौरान कराची में खेले गए मैच में टीम इंडिया ने 256 रन से पराजित किया था।

सूची में नौवां स्थान टीम इंडिया के पास है, और इस शिरकत का मौका उन्हें 29 अक्टूबर, 2000 को मिला था, जब वे श्रीलंका के हाथों शारजाह में कुल 54 रन पर ऑल आउट होकर 245 रनों से हारे थे। सूची में 10वें स्थान पर फिर एक बार बरमूडा ही दर्ज है, जो वर्ष 2007 के वर्ल्ड कप के दौरान श्रीलंका के हाथों पोर्ट ऑफ स्पेन के मैदान में 15 मार्च, 2007 को 243 रन से हारे थे।

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