यह ख़बर 23 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कोटला टेस्ट : लियोन ने झटके सात विकेट, भारतीय पारी 272 रनों पर सिमटी

खास बातें

  • कोटला में जारी चौथे टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय पारी 272 रनों पर सिमट गई। भारत के पास 10 रनों की बढ़त है।
नई दिल्ली:

कोटला में जारी चौथे टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय पारी 272 रनों पर सिमट गई। भारत के पास 10 रनों की बढ़त है। नेथन लियोन ने पारी में सात विकेट झटके हैं

इससे पहले शनिवार को भारतीय क्रिकेट टीम ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे टेस्ट मैच के दूसरे दिन शनिवार का खेल खत्म होने तक आठ विकेट के नुकसान पर चार रनों की बढ़त हासिल की।

भारत ने पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के आठ विकेट चटकाए थे। इसमें से छह विकेट स्पिनरों ने लिए थे जबकि दो विकेट तेज गेंदबाजों के खाते में गए थे। दूसरे दिन कुल 10 विकेट गिरे, जिनमें से सात विकेट स्पिनरों के खाते में गए और तीन विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए।

कुल मिलाकर दूसरे दिन भी पहले दिन जैसा नजारा रहा। पहले दिन जहां ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिरकी से परेशान नजर आए। वहीं, दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाजों को भी फिरकी खेलने में परेशानी हुई। सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज बुरी तरह उलझकर अपना विकेट गंवाते देखे गए।

भारत अब अगर तीसरे दिन अपने बचे-खुचे विकेटों के साथ 50 रन भी जोड़ लेता है तो फिर ऑस्ट्रेलिया मुश्किल में नजर आ सकता है, लेकिन फिलहाल पलड़ा किसके पक्ष में झुका है, यह कहना मुश्किल है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने पूरे दिन स्लेजिंग के दम पर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश जारी रखी। इस प्रयास में उन्हें काफी सफलता भी मिली।

भारत ने लगातार टूटती जा रही विकेट पर हालांकि अपने कुछ बल्लेबाजों की उपयोगी पारियों की मदद से दूसरे दिन की समाप्ति तक आठ विकेट पर 266 रन बनाकर चार रनों की बढ़त ले ली है। ऑस्ट्रेलिया की ओर से लियोन ने पांच विकेट लिए हैं।

भारत के लिए उसके सलामी बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 108 रन जोड़े, लेकिन इसके बाद लियोन के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को न सिर्फ तेजी से रन बनाने से रोका, बल्कि लगातार अंतराल पर विकेट भी चटकाते रहे।

चायकाल तक भारत ने दो विकेट पर 135 रन बनाए थे, लेकिन तीसरे सत्र में उसने छह विकेट गंवा दिए। लियोन ने पहले सत्र से चायकाल के बीच दो विकेट लिए और फिर अंतिम सत्र में वह तीन विकेट चटकाने में सफल रहे।

मुरली विजय (57), चेतेश्वर पुजारा (52), सचिन तेंदुलकर (32), कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (24), रवींद्र जडेजा (43) ने सराहनीय प्रदर्शन किया, लेकिन विराट कोहली (1), अपना पहला टेस्ट खेल रहे अजिंक्य रहाणे (7) ने मेजबान टीम को निराश किया।

पुजारा और मुरली के बीच जोड़े गए 108 रनों के अलावा मुरली और सचिन ने तीसरे विकेट के लिए 34, धोनी और जडेजा ने छठे विकेट के लिए 30 तथा जडेजा और रविचंद्रन अश्विन (12) ने सातवें विकेट के लिए 44 रनों की साझेदारी की।

अपनी 57 रनों की पारी के दौरान टेस्ट मैचों में 1000 रन पूरे करने वाले मुरली ने 123 गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके लगाए जबकि पुजारा ने 76 गेंदों पर पांच चौके लगाए।

सचिन कोटला की पिच पर काफी संघर्ष करते नजर आए। लियोन ने उन्हें काफी परेशान किया और अंतत: वह लियोन की ही गेंद पर पगबाधा करार दिए गए। सचिन ने 53 गेंदों पर पांच चौके लगाए।

रहाणे को लियोन ने स्टीवन स्मिथ के हाथों कैच कराया। रहाणे ने 19 गेंदों का सामना करते हुए एक चौका लगाया। धोनी ने अपनी 23 गेंदों की पारी में दो चौके लगाए, लेकिन वह गैरजिम्मेदाराना तरीके से आउट हुए।

जेडजा को ग्लेन मैक्सवेल ने आउट किया। जडेजा ने अपनी 49 गेंदों की पारी में छह चौके लगाए। भारतीय पारी के 69वें ओवर की पहली गेंद पर लियोन ने अश्विन को अपनी फिरकी में फंसाकर पवेलियन की राह दिखाई। अश्विन ने 41 गेंदों पर एक चौका लगाया। लियोन ने अपने करियर में तीसरी बार पारी में पांच विकेट लिए हैं।

इससे पहले, रविचंद्रन अश्विन (5 विकेट) के नेतृत्व में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 262 रनों पर समेट दी। भारत की ओर से इशांत शर्मा और रवींद्र जडेजा को दो-दो सफलताएं मिलीं। एक विकेट प्रज्ञान ओझा ने लिया। ओझा ने इस विकेट के साथ टेस्ट मैचों में 100 विकेट पूरे किए।

ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन की समाप्ति तक आठ विकेट पर 231 रन बनाए थे। मुश्किल दौर में मेहमान टीम के खेवनहार बने पीटर सिडल 47 और जेम्स पेटिंसन 11 रनों पर नाबाद थे। दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पारी में 31 रन जोड़े। आस्ट्रेलिया ने कुल 112.1 ओवर बल्लेबाजी की।

दूसरे दिन सिडल ने 128 गेंदों पर अपना अर्द्धशतक पूरा किया। यह उनका पहला टेस्ट अर्धशतक है। सिडल 51 रन के निजी योग पर अश्विन की गेंद पर आउट हुए। सिडल का विकेट 243 रनों के कुल योग पर गिरा। अश्विन ने 16 टेस्ट मैचों में नौवीं बार पारी में पांच विकेट झटके हैं।

सिडल ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए 136 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके लगाए। सिडल और पेटिंसन ने नौवें विकेट के लिए 125 गेंदों पर 54 रन जोड़े। पेटिंसन ने 30 रन बनाए। पेटिंसन ने 91 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके लगाए। उनका विकेट ओझा ने लिया। नेथन लियोन आठ रनों पर नाबाद लौटे।

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भारतीय टीम चार मैचों की यह शृंखला 3-0 से अपने नाम कर चुकी है। भारतीय टीम 4-0 से यह शृंखला जीतकर एक इतिहास कायम करना चाहेगी। उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में अब तक एक बार भी इस अंतर से कोई शृंखला नहीं जीती है।