यह ख़बर 24 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कोटला टेस्ट जीता भारत, सीरीज पर 4-0 से कब्जा कर रचा इतिहास

खास बातें

  • भारतीय क्रिकेट टीम ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराकर रविवार को चार मैचों की शृंखला 4-0 से अपने नाम कर ली। इसके साथ ही भारत ने बीते साल ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली करारी शिकस्त का हिसाब भी बराबर कर लिया।
नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट टीम ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को छह विकेट से हराकर रविवार को चार मैचों की शृंखला 4-0 से अपने नाम कर ली। इसके साथ ही भारत ने बीते साल ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली करारी शिकस्त का हिसाब भी बराबर कर लिया और 81 साल के अपने टेस्ट इतिहास में इतने बड़े अंतर से कोई शृंखला जीतने का नया कीर्तिमान स्थापित किया।

यही नहीं, महेंद्र सिंह धोनी की युवा टीम ने कोटला में 1987 के बाद से कोई टेस्ट मैच नहीं हारने के रिकार्ड को भी बरकरार रखा है। भारत ने इस मैदान पर अंतिम बार वेस्टइंडीज के हाथों हार का स्वाद चखा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मैदान पर 1959 के बाद से अब तक नहीं जीत सकी है।

चार मैचों में 29 विकेट चटकाने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मैन ऑफ सीरीज चुना गया जबकि गेंद और बल्ले के साथ कमाल करने वाले रवींद्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच खिताब से नवाजा गया। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने धोनी को 'बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी' भेंट की।

भारत, ऑफ स्पिनर अश्विन (5 विकेट) के नेतृत्व में अपने स्पिन गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 262 रनों पर समटने में सफल रहा था। इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में मुरली विजय (52), चेतेश्वर पुजारा (52) और जडेजा (43) की बदौलत 272 रन बनाकर 10 रनों की बढ़त हासिल कर ली।

मैच के तीसरे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रनों पर समेट दी। इसमें जडेजा की अहम भूमिका रही, जिन्होंने पांच विकेट झटके। अश्विन और प्रज्ञान ओझा को दो-दो विकेट मिले।

इस तरह तीसरे ही दिन मैच को खत्म करने के लिए भारत के सामने 37 ओवरों में जीत के लिए 155 रनों की चुनौती थी। टूट चुकी विकेट पर यह लक्ष्य आसान नहीं था। और फिर लियोन ने जिस तरह की गेंदबाजी करते हुए भारत की पहली पारी में सात विकेट झटके थे, उसे देखते हुए तो यह बिल्कुल भी आसान नहीं था।

भारत ने इस मुश्किल विकेट पर पुजारा के शानदार 82 रनों की बदौलत एक बेहतरीन जीत दर्ज की। पुजारा ने मुरली (11) का विकेट सस्ते में निकल जाने के बाद विराट कोहली (41) के साथ उम्दा बल्लेबाजी करते हुए दूसरे विकेट के लिए 104 रन जोड़े और जीत के लिए जमीन तैयार की।

भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत में संभवत: अपनी अंतिम पारी में एक रन बनाकर आउट हुए और पदार्पण करने वाले मुम्बई के अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर निराश किया। रहाणे ने पहली पारी में सात और दूसरी पारी में एक रन बनाया।

चार विकेट गिरने के बाद भारत के लिए मुश्किल बढ़ता दिख रहा था लेकिन एक छोर पर डटे पुजारा और कप्तान धोनी (नाबाद 12) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। पुजारा ने अपनी 92 गेंदों की पारी में 11 चौके लगाए।

इसके साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर अब तक के सबसे बड़े अंतर से जीत हासिल की। यही नहीं, उसने अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में किसी शृंखला को सबसे बड़े अंतर से जीता।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

भारत ने चेन्नई में खेला गया पहला टेस्ट मैच आठ विकेट से जीता था जबकि हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट में उसने एक पारी और 135 रनों से जीत हासिल की थी। मोहाली में खेले गए तीसरे मैच को छह विकेट से जीतकर भारत ने यह शृंखला अपने नाम कर ली थी।