
Mohammed Shami: क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट 'वनडे वर्ल्ड कप 2023' (ODI World Cup ) में टीमों के बीच सर्वश्रेष्ठ बनने की लड़ाई जारी है. भारत के अलग-अलग मैदानों पर खेले जा रहे मैचों में हर दिन कोई न कोई खिलाड़ी ऐसा प्रदर्शन कर देता है, जिससे फैंस ही नहीं बल्कि एक्सपर्ट्स और खेल के दिग्गज भी प्रभावित हो जाते हैं. इतिहास के पन्नों में मिसाल बनाने वाले इस टूर्नामेंट में कई ऐसी परफॉर्मेंस देखने को मिली हैं, जिन्हें काफी सराहा गया है. लेकिन मौजूदा समय में हर एक्सपर्ट की जबान पर एक ही नाम है और वह कोई और नहीं बल्कि भारतीय टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी हैं.
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मौके को भुनाना इसे कहते हैं
वर्ल्ड कप में भारत के शुरुआती 4 मैचों के लिए मोहम्मद शमी बेंच पर थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ 5वें मुकाबले में शमी को शार्दुल ठाकुर की जगह टीम में शामिल किया गया, जहां उन्होंने पांच कीवी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर मिले मौके का पूरा फायदा उठाया. शमी ने इस मुकाबले में 54 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे.
इंग्लैंड के खिलाफ वो घातक स्पेल
न्यूजीलैंड की बैटिंग लाइन-अप को ध्वस्त करने वाले मोहम्मद शमी ने इंग्लैंड के खिलाफ भी अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी. लखनऊ के इकाना स्टेडियम पर खेले गए इस मुकाबले में मोहम्मद शमी के एक स्पेल्स ने दुनियाभर के एक्सपर्ट्स को सराहना करने पर मजबूर किया. दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में शुमार और इंग्लैंड को 2019 में वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले बेन स्टोक्स तक शमी की धारदार गेंदबाजी का जवाब नहीं दे पाए. शमी ने इस मुकाबले में भी 4 विकेट हासिल किए थे.
अभी तक खेले गए दोनों मुकाबलों में हाई क्लास डिसिप्लिन का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कुल मिलाकर 9 विकेट लेने वाले शमी ने 6 बल्लेबाजों को बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखाई है.
क्या है सफलता का राज
शुरुआती 4 मुकाबलों में प्लेइंग-11 से बाहर रहने वाले शमी ने एक बात तो साबित कर दी है कि मानसिक तौर पर वह बहुत मजबूत हैं. मिड-डे के मुताबिक, जब उनसे पूछा गया कि उनकी सफलता का मंत्र क्या है तो उन्होंने कहा, "यह आपकी भूमिका और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. आपको कंडीशंस को ध्यान में रखकर लाइन और लेंथ पर ध्यान देना होता है, जिसका नतीजा आपके सामने है."
दवाब का फायदा दूसरे गेंदबाजों को
मोहम्मद शमी एक पूर्ण तेज गेंदबाज हैं, जिनके तरकश में इनस्विंग, ऑउटस्विंग, बाउंसर, अलग-अलग एंगल्स और 135-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की गेंदें शामिल हैं. वह विकेट-टेकिंग और बेहद आक्रामक गेंदबाज हैं जो दोनों तरफ स्विंग करा सकते हैं. शमी के प्लेइंग-11 में आने से भारतीय टीम की गेंदबाजी और भी घातक नजर आ रही है. दरअसल, शमी बल्लेबाजों पर काफी दबाव बनाते हैं, जिससे दूसरे गेंदबाजों को भी मदद मिलती है.
नॉक-आउट मुकाबलों में होगा असली टेस्ट
इसमें कोई शक नहीं कि शमी ने टीम में शानदार वापसी की है. लेकिन उनका काम अभी पूरा नहीं हुआ है. भारत को मुंबई में सेमीफाइनल से पहले तीन और लीग मैच खेलने हैं और टीम के प्रदर्शन को देखकर लग रहा है कि अहमदाबाद के मैदान पर होने वाले फाइनल मुकाबले में एक टीम भारत होगी. वे दो नॉक-आउट मैच न केवल शमी के लिए, बल्कि टीम इंडिया के लिए भी असली परीक्षा होंगे.
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