नई दिल्ली:
भारतीय मूल की मल्लिका हमजा दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा रही हैं। उन्होंने दो साल पहले क्रिकेट खेलना शुरू किया और दो साल के अंदर ही उनकी लेग स्पिन गेंदबाज़ी को देखते हुए दुनिया का सबसे प्रतिभाशाली क्रिकेटर माना जा रहा है।
उन्होंने पिछले दिनों वेस्टर्न केप प्रोविंस की ओर से खेलते हुए जिंबाब्वे की सीनियर महिला टीम के खिलाफ टी-20 मुक़ाबले में अपनी स्पिन से दुनिया भर के विशेषज्ञों को चकित कर दिया था। यही वजह है कि मशहूर स्पोर्ट्स ब्रैंड स्लेजेंगर का उन्हें अनुबंध हासिल हुआ है।
हमज़ा अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ती है और उसकी उम्र 11 साल की है। उसने सितंबर, 2013 से लेकर अब तक क्रिकेट के मैदान में कुल 22 मुक़ाबले खेले हैं, इनमें उन्होंने 432 रन बनाने के साथ कुल 47 विकेट चटकाए हैं।
इनमें से कुछ मैच हमज़ा ने लड़कों की टीम सेट अग्स्टाइन की ओर से खेले हैं। इस क्लब ने पॉल एडम्स और बेसिल डिओलिविरा जैसे क्रिकेटरों को तैयार किया है।
हमज़ा ना केवल लड़कों के बीच खेल रही हैं, बल्कि अपने जोरदार प्रदर्शन से लड़कों को पछाड़ भी रही है। 2013-14 सीज़न के दौरान हमज़ा के क्लब को छह पुरस्कार दिए गए, उनमें से पांच पुरस्कार हमज़ा ने जीते। इनमें बेहतरीन बल्लेबाज़, बेहतरीन गेंदबाज़, बेस्ट ऑलराउंडर के पुरस्कार शामिल थे।
क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो।
इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।
शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं।
हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा।
उन्होंने पिछले दिनों वेस्टर्न केप प्रोविंस की ओर से खेलते हुए जिंबाब्वे की सीनियर महिला टीम के खिलाफ टी-20 मुक़ाबले में अपनी स्पिन से दुनिया भर के विशेषज्ञों को चकित कर दिया था। यही वजह है कि मशहूर स्पोर्ट्स ब्रैंड स्लेजेंगर का उन्हें अनुबंध हासिल हुआ है।
हमज़ा अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ती है और उसकी उम्र 11 साल की है। उसने सितंबर, 2013 से लेकर अब तक क्रिकेट के मैदान में कुल 22 मुक़ाबले खेले हैं, इनमें उन्होंने 432 रन बनाने के साथ कुल 47 विकेट चटकाए हैं।
इनमें से कुछ मैच हमज़ा ने लड़कों की टीम सेट अग्स्टाइन की ओर से खेले हैं। इस क्लब ने पॉल एडम्स और बेसिल डिओलिविरा जैसे क्रिकेटरों को तैयार किया है।
हमज़ा ना केवल लड़कों के बीच खेल रही हैं, बल्कि अपने जोरदार प्रदर्शन से लड़कों को पछाड़ भी रही है। 2013-14 सीज़न के दौरान हमज़ा के क्लब को छह पुरस्कार दिए गए, उनमें से पांच पुरस्कार हमज़ा ने जीते। इनमें बेहतरीन बल्लेबाज़, बेहतरीन गेंदबाज़, बेस्ट ऑलराउंडर के पुरस्कार शामिल थे।
क्रिकेट मैदान पर हमज़ा के लिए सब कुछ आसान नहीं रहता है, उसे ख़ूब छींटाकशी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा भी हुआ कि जब वह बल्लेबाज़ी करने उतरीं, तो विकेटकीपर ने गेंदबाज़ से तेज आवाज़ में कहा- मेरी गर्लफ्रेंड को आउट करो।
इसके बाद जब वो गेंदबाज़ी करने के दौरान विकेट हासिल करती है, तो उसके ही टीम के साथ बल्लेबाज़ को चिढ़ाते हुए कहते हैं- तुम्हें एक लड़की ने आउट कर दिया।
शुरू-शुरू में हमज़ा इन छींटाकशी से आहत हो जातीं थी, लेकिन अब इन पर ज्यादा ध्यान नहीं देती। क्रिकेट ही नहीं हमज़ा दूसरे खेलों में भी बराबरी की कुशलता रखती हैं। हमज़ा हॉकी की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और पेशेवर हॉकी मुक़ाबलों में 420 गोल ठीक चुकी हैं। वह देश की अंडर-11, अंडर-13, अंडर-14 और अंडर-16 की हॉकी टूर्नामेंटों में भाग ले चुकी हैं।
हमज़ा का परिवार मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले का था। उनके पिता के दादाजी 1923 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। उनके पिता बोबेई, थिएटर से जुड़े हैं, लेकिन बेटी का पहला प्यार क्रिकेट ही है। जाहिर है कि आने वाले दिनों में क्रिकेट के मैदान में हमज़ा का जलवा ख़ूब देखने को मिलेगा।
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