फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कैबिनेट ने एक अहम फैसले में बिहार के पटना में एनएच-19 पर गंगा नदी के ऊपर 5.575 किमी लंबे महात्मा गांधी सेतु के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लंबे समय से लंबित इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गयी। इस प्रोजेक्ट पर 1742.01 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है।
इस फैसले का एलान करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ये प्रस्ताव पिछले 15 साल से लंबित था और पुल की मौजूदा खराब हालत की वजह से लोगों को जाम की समस्या से निपटना पड़ा है।
सरकार की तरफ से जारी नोट में कहा गया है, " नए निर्माण के लिए पुल के इस क्षतिग्रस्त ढांचे को ढहाया जाएगा और उसके बाद स्टील ट्रस के साथ इसकी री-डैकिंग की जाएगी। यह परियोजना इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) मोड में होगी।"
महात्मा गांधी सेतु का निर्माण 1980 में किया गया था। पिछले कई साल से पुल के एक हिस्से के कमज़ोर होने की वजह से इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को अक्सर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। ये पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। नेपाल और भूटान का कारोबार भी इसी संपर्क के माध्यम से होता है।
इस फैसले का एलान करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ये प्रस्ताव पिछले 15 साल से लंबित था और पुल की मौजूदा खराब हालत की वजह से लोगों को जाम की समस्या से निपटना पड़ा है।
सरकार की तरफ से जारी नोट में कहा गया है, " नए निर्माण के लिए पुल के इस क्षतिग्रस्त ढांचे को ढहाया जाएगा और उसके बाद स्टील ट्रस के साथ इसकी री-डैकिंग की जाएगी। यह परियोजना इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) मोड में होगी।"
महात्मा गांधी सेतु का निर्माण 1980 में किया गया था। पिछले कई साल से पुल के एक हिस्से के कमज़ोर होने की वजह से इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को अक्सर जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। ये पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। नेपाल और भूटान का कारोबार भी इसी संपर्क के माध्यम से होता है।
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