प्रतीकात्मक फोटो
जयपुर:
पीपुल फॉर एनिमल्स के राजस्थान के प्रभारी बाबूलाल जाजू ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से 'टी-24' नामक बाघ को फिर से रणथंभौर राष्ट्रीय बाघ परियोजना क्षेत्र में भेजने की मांग की है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लिखा पत्र
जाजू ने सीएम को भेजे पत्र में लिखा है, 'वन विभाग ने गत 16 मई को आनन-फानन में बाघ 'टी 24' को रणथंभौर के जंगल से उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान के छोटे से जेलनुमा परिसर में भेज दिया। इसके बाद वह कई बीमारियों से पीड़ित हो गया। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने बाघ के बीमार होने को गंभीरता से लेते हुए उसे पुन: रणथंभौर भेजने के मुद्दे पर निर्णय करने के लिए कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था।'
एक अन्य बाघ की हो चुकी है मौत
जाजू ने बताया कि जैविक उद्यान में बाघ 'टी-24' को भेजने से दो महीने पहले एक अन्य बाघ की संक्रमण से मौत हो गई थी। ऐसे में संक्रमणयुक्त स्थान पर बाघ 'टी-24' को छोड़ना और बाद में उसका बीमार होना गंभीर बात है। सेन्ट्रल जू-अथोरिटी की अनुमति के बिना किसी भी शेडयूल-फर्स्ट के वन्यजीव को जैविक उद्यान में नहीं छोड़ा जा सकता है।
जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई
जाजू ने बताया कि इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली को 'बाघ-24' के खून के नमूने भेजे गये, लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। इसके अलावा, उन्होंने इस बाघ की बीमारी को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराते हुए उसके स्वस्थ होने के बाद फिर से उसे रणथंभौर में स्वच्छन्द विचरण के लिए छोड़ने की मांग की।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लिखा पत्र
जाजू ने सीएम को भेजे पत्र में लिखा है, 'वन विभाग ने गत 16 मई को आनन-फानन में बाघ 'टी 24' को रणथंभौर के जंगल से उदयपुर के सज्जनगढ़ जैविक उद्यान के छोटे से जेलनुमा परिसर में भेज दिया। इसके बाद वह कई बीमारियों से पीड़ित हो गया। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने बाघ के बीमार होने को गंभीरता से लेते हुए उसे पुन: रणथंभौर भेजने के मुद्दे पर निर्णय करने के लिए कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था।'
एक अन्य बाघ की हो चुकी है मौत
जाजू ने बताया कि जैविक उद्यान में बाघ 'टी-24' को भेजने से दो महीने पहले एक अन्य बाघ की संक्रमण से मौत हो गई थी। ऐसे में संक्रमणयुक्त स्थान पर बाघ 'टी-24' को छोड़ना और बाद में उसका बीमार होना गंभीर बात है। सेन्ट्रल जू-अथोरिटी की अनुमति के बिना किसी भी शेडयूल-फर्स्ट के वन्यजीव को जैविक उद्यान में नहीं छोड़ा जा सकता है।
जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई
जाजू ने बताया कि इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली को 'बाघ-24' के खून के नमूने भेजे गये, लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। इसके अलावा, उन्होंने इस बाघ की बीमारी को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराते हुए उसके स्वस्थ होने के बाद फिर से उसे रणथंभौर में स्वच्छन्द विचरण के लिए छोड़ने की मांग की।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं