बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने शुक्रवार को उन छह आरोपियों का धर्म भी बताया जिन्हें आरएसएस के एक कर्यकर्ता पर हमले के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस की प्रेस रिलीज में लिखा गया है कि सभी आरोपी मुसलमान हैं. हालांकि बेंगलुरु साउथ के बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या का दावा है कि आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ निशाने पर वे थे. आरएसएस कार्यकर्ता वरुण जब सीएए के समर्थन में 22 दिसम्बर को बुलाई गई रैली से लौट रहे थे तो उन पर जानलेवा हमला हुआ और इस सिलसिले में यह छह लोग पकड़े गए. बेंगलुरु साउथ के सांसद तेजस्वी सूर्या का दावा है कि उनके निशाने पर वे थे.
बेंगलुरु दक्षिण के बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि ''उनके निशाने पर मैं ही था. लेकिन कड़ी सुरक्षा की वजह से ये लोग ऐसा नहीं कर पाए. पीएफआई और एसडीपीआई समाज के लिए खतरा बन गए हैं. इनके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए.''
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने दावा किया कि सभी छह आरोपी एसडीपीआई से जुड़े हैं और साथ ही साथ चौंकाने वाली बात ये है कि प्रेस रिलीज में आरोपियों का धर्म मुस्लिम बताया गया है. यह भी बताया गया है कि इन लोगों को 10 हजार रुपये दिए गए थे.
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बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने कहा कि ''10 हजार रुपये इन लोगों के दिए जाते थे. संगठन का आइडिया था कि इन्हें उग्रपंथी शिक्षा देकर कार्रवाई करवाई जाए. इस केस को आतंकवादी निरोधक यूनिट को जांच के लिए दे रहा हूं.''
लेकिन सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का दावा है कि संगठन को बदनाम करने के लिए पुलिस बेवजह उसका नाम ले रही है.
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बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर भास्कर राव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी आरोपियों के नाम बताए और बाद में प्रेस रिलीज के जरिए यह भी बताया सभी आरोपी इस्लाम धर्म को मानने वाले मुसलमान हैं. लेकिन पुलिस कमिश्नर यह नहीं बता पाए कि 10000 रुपये इन आरोपियों को कौन दे रहा था और यह लोग किस बड़े नेता की हत्या करने आए थे.
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