मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस की पत्रकारों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई का मामला प्रकाश में आया है। दरअसल, सोमवार रात तकरीबन दो बजे जब दैनिक भास्कर अखबार के दो वरिष्ठ पत्रकार विजय प्रभात शुक्ल और कृष्ण मोहन तिवारी काम खत्म करने के बाद ऑफिस से घर जा रहे थे तो अवधपुरी इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे पुलिसकर्मियों ने उनकी मोटर साइकिल को रोक लिया। शराब के नशे में धुत उन पुलिसवालों ने पूछताछ शुरू कर दी।
(अच्छा हुआ श्लोक नहीं पूछे! वरना हम तुम्हें बचा नहीं पाते...)
इन लोगों ने जब कहा कि वह एक अखबार में काम करते हैं और काम खत्म करने के बाद ऑफिस से जा रहे हैं तो पुलिसवालों ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। पत्रकारों का आरोप है कि उन्होंने पुलिसवालों को अपना ऑफिस का पहचान पत्र भी दिखाया, जिसे पुलिसवालों ने सड़क पर फेंक दिया। उसके बाद वे उनके साथ बदसलूकी करने लगे। इनको गालियां देते हुए सिमी का आतंकवादी कहा और एनकाउंटर की धमकी देने लगे। पुलिसवालों ने उनसे यह भी कहा कि तुम लोग एटीएम लूटने जा रहे हो। उसके बाद पुलिसवाले उन्हें जबरन थाने ले गए और सुबह तकरीबन पांच बजे तक वहां रखा। इस दौरान उनकी पिटाई भी की गई, जिसके चलते दोनों पत्रकारों को चोटें भी आई हैं।
फोटो: अस्पताल में भर्ती विजय प्रभात शुक्ल
सुबह तकरीबन 11 बजे भोपाल (दक्षिण) के एसपी अंशुमान सिंह के संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने कार्रवाई करते हुए तीन पुलिसवालों एएसआई रघुबीर सिंह दांगी, हेड कांस्टेबल सुभाष त्यागी और संतोष यादव को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही सीएसपी गोविंदपुरा अजय सिंह को तीन दिन के भीतर मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। घायल पत्रकारों का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है।
इस मामले में दैनिक भास्कर भोपाल के संपादक अवनीश जैन का कहना है कि 'यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।' मामले से संबंधित पुलिसवालों की ज्यादती और गालियों वाला ऑडियो हमारे पास उपलब्ध है, लेकिन इसमें पुलिसकर्मियों द्वारा की गई अभद्र भाषा के इस्तेमाल के चलते उसको यहां प्रसारित नहीं किया जा रहा है।
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