कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज भोमई ने राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लागू किए जाने की संभावना जताई है. कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसके बारे में बताया जा रहा है कि बाहरी बेंगलुरु में डिटेंशन सेंटर (हिरासत केंद्र) भी तैयार है. बेंगलुरु से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर नेलमंगला के अंदरूनी इलाके से आई इन तस्वीरों के बारे में कहा जा रहा है कि ये नजरबंदी केंद्र यानी डिटेंशन सेंटर हैं जहां उन विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा जिन्हें एनआरसी में जगह नहीं मिलेगी. यह डिटेंशन सेंटर ही है इसकी न तो आधिकारिक तौर पर पुष्टि की गई है, न ही खंडन.
कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज भोमई ने कहा कि "कर्नाटक उन राज्यों में से एक है जहां बड़े पैमाने पर विदेशी रह रहे हैं. इससे काफी परेशानी खड़ी हो रही है. हम जानकारी इकट्ठी कर रहे हैं, फिर केंद्रीय गृह मंत्री से बात कर मामले को आगे बढ़ाएंगे."
बेंगलुरु सहित कर्नाटक के अलग-अलग स्थानों पर कई कालोनियां हैं जहां बांग्ला बोलने वाले लोग रहते हैं. वे खुद को बंगाली कहते हैं. लेकिन ऐसा मानने वालों की भी कमी नहीं है कि वे बांग्लादेशी हैं जो यहां गैरकानूनी तौर पर रह रहे हैं. इसके साथ-साथ पुलिस ने भी अफ्रीकी मूल के उन लोगों के लिए डिटेंशन सेंटर में भेजने की मांग की थी, जो वीसा खत्म होने के बावजूद यहां रह रहे हैं.
नवी मुंबई में अवैध बांग्लादेशियों के लिए हिरासत केंद्र बनाएगी महाराष्ट्र सरकार
एनआरसी का मामला जैसे ही राज्य के गृह मंत्री ने छेड़ा, विवाद उठ खड़ा हुआ.
फैक्ट फाइंडिंग टीम ने असम एनआरसी और फॉरेन ट्रिब्यूनल की हकीकत बताई
कर्नाटक पुलिस ने तकरीबन तीन साल पहले डिटेंशन सेंटर की मांग केंद्रीय गृह मंत्रालय से की थी. यह मांग एनआरसी विवाद शुरू होने से काफी पहले की गई. लेकिन डिटेंशन सेंटर की जिन तस्वीरों को लेकर फिलहाल चर्चा हो रही है वह सरकार का एक पुराना परिसर है जिसे सिटीजनशिप अमेंडमेंड एक्ट के बाद डिटेंशन सेंटर की शक्ल दी गई है.
VIDEO : जो हिरासत केंद्र में जाएंगे उनके परिवार का क्या
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं