मुंबई की ट्रैफिक समस्या से निपटने और सड़को का भार कम करने के लिए मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजनल डेवलपमेंट ऑथॉरिटी ( MMRDA), महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) और बीएमसी (BMC) ने 70000 करोड़ रुपये की लागत से पांच रिंग रोडों के नेटवर्क की परियोजना तैयार की है. यह नेटवर्क 90 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा और शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का भार 20 से 25% तक कम करेगा. एमएमआरडीए ने इस प्रोजेक्ट के लिए 58 हजार करोड़ के बजट को अनुमति भी दे दी है, जिससे इस परियोजना का काम तेजी से शुरू हो चुका है.
मुंबई में एक नेटवर्क के माध्यम से शहर को पांच रिंग रोडों से घेरने की योजना बनाई है. इसकी कुल लागत 70 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है. इस योजना को मंजूरी मिल गई है जिसमें पुल और सुरंगे शामिल होंगी. यह लगभग 90 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाली है.
सबसे पहले रिंग रोड राजीव गांधी बांद्रा-वरली सी लिंग का उद्घाटन साल 2009 में किया जा चुका है. यह मुंबई के बांद्रा और वर्ली जैसे दो अहम इलाकों को कनेक्ट करता है. दूसरा रिंग रोड है बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक, जो कि प्लानिंग स्टेज में है. इसे साल 2030 तक पूरा करने की भी योजना बनाई गई है. बांद्र वर्ली सी लिंक के थोड़े से आगे बांद्र वर्सोवा सी लिंक के टेंडर की प्रोसेस पूरी की जा चुकी है.
तीसरी रिंग रोड में शामिल है वर्सोवा-विरार सी लिंक, जिसे मई 2028 तक पूरा किया जाएगा. यह भी अभी प्लानिंग के चरण में बताई जा रही है. बांद्रा वरली सी लिंक और बांद्रा वर्सोवा सी लिंक के आगे वर्सोवा विरार सी लिंक का काम कुछ ही समय में शुरू होगा. चौथा रिंग रोड विरार से अलीबाग मल्टी मॉडल कॉरिडोर बताया जा रहा है. इसके लिए टेंडर होना हैं. इस कॉरिडोर को शीवड़ी से एमटीएचएल (MTHL) के साथ भी जोड़ा जाएगा. विरार से अलीबाग कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है.
पांचवा रिंग रोड शिवडी-वरली इलिवेटेड कॉरिडोर है. एह MMRDA द्वारा निर्मित किया जाएगा और इसके जरिए शिवडी और वर्ली कनेक्ट होंगे.
यह पांचों रिंग रोड मिलकर मुंबई के आसपास के तमाम क्षेत्रों, ठाणे पालघर, अलीबाग वगैरह को जोड़ेंगे. यह रास्ते मुंबई की आउटर कनेक्टिविटी के लिए एक रिंग का आकार ले लेंगे. इन सभी रोडों को मुंबई के कोस्टल रोड से भी जोड़ा जाएगा.
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