
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरमेंट (सीएसई) ने अपने एक नए शोध में दावा किया है कि दिल्ली देश के उन 14 शहरों में शामिल है, जहां वाहनों से उत्सर्जित सूक्ष्म कणों से सबसे ज्यादा प्रदूषण हो रहा है. सीएसई के मुताबिक दिल्ली में सूक्ष्म कणों (पार्टिकुलेट मैटर) का उत्सर्जन मुंबई की तुलना में तीन गुना होता है.
केंद्र के मुताबिक इससे राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी और यात्रा के विभिन्न साधनों के फायदे भी निष्प्रभावी हो गए हैं. सीएसई ने कहा है, “दिल्ली के रैंकिंग में नीचे होने का मुख्य कारण यह है कि शहर की आबादी अन्य महानगरों से अधिक है, यहां सबसे अधिक वाहन हैं और किसी भी अन्य महानगर की तुलना में यहां के वाहन ज्यादा लंबी दूरी तय करते हैं.”
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साथ ही, इसने आगाह किया कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए निजी वाहनों पर बढ़ती निर्भरता से ‘अपूरणीय क्षति’ हो सकती है.
VIDEO : प्रदूषण से लड़ने में भारत सुस्त
(इनपुट भाषा से)
केंद्र के मुताबिक इससे राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी और यात्रा के विभिन्न साधनों के फायदे भी निष्प्रभावी हो गए हैं. सीएसई ने कहा है, “दिल्ली के रैंकिंग में नीचे होने का मुख्य कारण यह है कि शहर की आबादी अन्य महानगरों से अधिक है, यहां सबसे अधिक वाहन हैं और किसी भी अन्य महानगर की तुलना में यहां के वाहन ज्यादा लंबी दूरी तय करते हैं.”
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साथ ही, इसने आगाह किया कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए निजी वाहनों पर बढ़ती निर्भरता से ‘अपूरणीय क्षति’ हो सकती है.
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(इनपुट भाषा से)