कथित तौर पर मणिपुर में अब तनाव कम हो गया है लेकिन इसके बावजूद दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस क्षेत्र में हिसा के हालात बने. मणिपुर के कूकी छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया है कि उन पर गुरुवार की रात में मेइती छात्रों के एक समूह ने हमला किया.
छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने अगले दिन, शुक्रवार को मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. इस पर छात्रों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है और कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है.
यह पूर्वोत्तर राज्य के कुछ जिलों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में बहुसंख्यक मेइती समुदाय को शामिल करने के विरोध के बीच अंतर-सामुदायिक झड़पों के तत्काल बाद हुई हिंसा के बाद की घटना है.
मणिपुर सरकार ने 3 और 4 मई को सेना और असम राइफल्स की मदद की मांग की थी. राज्य के पुलिस महानिदेशक पी डोंगल ने कहा है कि सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के बाद राज्य में स्थिति में सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा कि मणिपुर में आरएएफ, बीएसएफ और सीआरपीएफ सहित कई बलों को तैनात किया गया है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के प्रमुख कुलदीप सिंह को सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है.
राज्य के डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) आशुतोष सिन्हा को समग्र आपरेशनल कमांडर नियुक्त किया है.
भारतीय सेना ने 5 मई की शाम को एक बयान में कहा, "सक्रिय और समय पर एक्शन लिए जाने के परिणामस्वरूप चूड़ाचंदपुर, केपीआई, मोरेह और काकिंग अब पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और कल रात से कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई है."
सेना ने कहा कि समन्वित कार्रवाई के जरिए मणिपुर में स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है. भारतीय सेना ने कहा था, "सभी की समन्वित कार्रवाइयों के जरिए स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है. वायुसेना ने असम में दो हवाई क्षेत्रों से C17 ग्लोबमास्टर और AN 32 विमानों की लगातार उड़ानें भरीं."
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