महाराष्ट्र सरकार ने नवरात्रि (Navratri) के दौरान मुंबई में मेट्रो विस्तार, तीन दिन तक रात में 12 बजे तक गरबा (Garba) खेलने की इजाजत जैसे कुछ ऐसे फैसले लिए कि इस साल बड़े गरबा आयोजकों की बंपर कमाई हुई. कुछ समय से गरबा का ग्लोबल होना भी विदेशों में भी अच्छे बिजनेस का कारण बन रहा है.
नवरात्रि में मुंबई के लगभग सभी गरबा ग्राउंड अपनी क्षमता में फुल दिखे. इसका श्रेय शिंदे सरकार के कुछ फैसलों को है. गरबा आयोजनों के रूट पर देर रात तक मेट्रो सेवाएं उपलब्ध कराई गईं और तीन दिन तक रात में 12 बजे तक गरबा खेलने की इजाजत दिए जाने से आयोजकों की चांदी हो गई.
गरबा आयोजक पंकज ने कहा कि, ''अगले साल शायद पार्किंग स्लॉट छोटा करके वहां भी एक ग्राउंड बनाना पड़ेगा. सवा लाख फुट का वुडन प्लेटफार्म लगाया है, बाकी मिलाकर पौने दो लाख फुट ग्राउंड कवर किया है. अगले साल हो सकता है कि ग्राउंड और बड़ा करेंगे. हमें खुशी है कि जबसे शिंदे सरकार आई है, हमारे त्योहार को बहुत सहयोग है. गणपति, गोविन्दा, नवरात्रि में सुविधा पूरी तरह से मिलती है. तीन दिन तक रात 12 बजे तक गरबा खेलने की परमीशन मिली है.''
मुंबई के सबसे मशहूर गरबा ग्राउंड फाल्गुनी गरबा उत्सव में गुरुवार को देर रात कड़कती बिजली और तेज बारिश के बीच भी लोगों में जोश कम नहीं हुआ. डांडिया क्वीन फाल्गुनी पाठक भी छतरी पकड़कर परफॉर्म करती रहीं.
फाल्गुनी गरबा उत्सव के आयोजक मयूर पारेख ने कहा कि, ''यह महाराष्ट्र का नंबर वन गरबा है. पहले दिन से ही 45,000 के करीब लोग आ रहे हैं. एकदम सेफ़ है, 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए, बहुत सेफ़ बनाया है. इतनी महिलाएं गरबा करती आईं लेकिन सात सालों में एक भी शिकायत नहीं.''
वैसे गरबा ग्लोबल हो चला है. यूएस, यूके, कनाडा जैसे कई देशों में गरबा छह महीने तक खेला जाता है. यहां के आर्टिस्ट विदेशों में भी परफॉर्म कर रहे हैं. यह त्योहार विदेशों में भी अच्छा खासा रेवन्यू जनरेट कर रहा है. गरबा सिंगर ऐश्वर्या मजूमदार ने कहा, ''ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, अमेरिका, दुबई, यूएई के आसपास, जो भी गल्फ़ कंट्रीज हैं, कई सारी कंट्रीज़ में गए हैं, यूके गए हैं. बड़ी कृपा है माता रानी की कि हम इतने देश घूम सकते हैं, अपना डिवाइन संगीत लेकर. ऐसा रस लेकर भक्ति करना जिसमें सभी लीन हो जाएं. यह रंग कमाल का होता है.''
यश इंटरटेनमेंट की निदेशक और आयोजक मितुल शाह ने कहा कि, ''विदेशों में हमारी संस्कृति लोग बहुत पसंद करते हैं और सहयोग भी बहुत करते हैं. वहां के मेयर, मिनिस्टर, इमिग्रेशन से जुड़े लोग बहुत समर्थन करते हैं, क्योंकि हम यूएस, यूके, कनाडा के किए रेवन्यू जेनेरेट कर रहे हैं. उन्हें अच्छा लगता है जब हमारे आर्टिस्ट वहां लार्जर स्केल पर जाकर परफॉर्म करते हैं.''
वैसे कहा जाता है कि गुजराती जहां भी जाते हैं वहीं अपना इलाका खूबसूरती से बसा लेते हैं. विदेशों में बढ़ता हमारी संस्कृति के लिए प्यार-लगाव अच्छी कमाई का जरिया बन रहा है.
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