अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
जयपुर:
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि रिफाईनरी से राजस्थान का भविष्य जुड़ा है। इस परियोजना से लाखों युवाओं को रोजगार मुहैया होगा, इसलिए केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा गठित 4 सदस्यीय कमेटी को 27-28 दिसम्बर की अपनी बैठक में सकारात्मक फैसला करना चाहिए अन्यथा प्रदेशवासियों को जनहित में संघर्ष करने को मजबूर होना पड़ेगा।
बाड़मेर में स्थापित होनी है रिफाईनरी
गहलोत ने बुधवार को यहां एक बयान में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के अथक प्रयासों से भारत सरकार 9 एमएमटीए क्षमता की रिफाईनरी बाड़मेर में स्थापित करने जा रही थी। पचपदरा में यूपीए चैयरपर्सन सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास भी कर दिया था लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राग-द्वेष के कारण खुद की नाकामी छिपाने के लिए इसमें विवाद खड़ा कर दिया।
मौजूदा मुख्यमंत्री पर लगाए आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रिफाईनरी के साथ पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स भी स्थापित किया जाना था। यदि भारी बहुमत से सत्ता में आई वर्तमान सरकार ने इस परियोजना को आगे बढ़ा दिया होता तो अब तक आधे से ज्यादा काम हो गया होता, क्योंकि इस रिफाईनरी का काम चार वर्ष में पूरा किया जाना निर्धारित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की नीयत में खोट के कारण रिफाईनरी का काम आगे बढ़ना तो दूर, उसका भाग्य अभी तक अधर में है। दुख इस बात का है कि पेट्रोलियम मंत्री, केन्द्र सरकार और खुद प्रधानमंत्री तक रिफाईनरी को लेकर अब तक मौन धारण किए रहे। उन्होंने इसमें कोई रुचि नहीं ली।
गहलोत ने कहा, ‘मैं पहले से ही कहता आ रहा हूं कि राज्य सरकार की इस प्रोजेक्ट में 26 प्रतिशत की भागीदारी है जिसे कम या ज्यादा किए जाने पर किसी को कोई एतराज नहीं होगा। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार येन-केन-प्रकारेण अटकाने में ही लगी रही। अब जबकि पेट्रोल-डीजल, लोहा, सीमेन्ट एवं अन्य निर्माण सामग्री के दाम काफी कम हो गए हैं, अब भी रिफाइनरी नहीं लगाने का क्या तुक है।’
बाड़मेर में स्थापित होनी है रिफाईनरी
गहलोत ने बुधवार को यहां एक बयान में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के अथक प्रयासों से भारत सरकार 9 एमएमटीए क्षमता की रिफाईनरी बाड़मेर में स्थापित करने जा रही थी। पचपदरा में यूपीए चैयरपर्सन सोनिया गांधी ने इसका शिलान्यास भी कर दिया था लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राग-द्वेष के कारण खुद की नाकामी छिपाने के लिए इसमें विवाद खड़ा कर दिया।
मौजूदा मुख्यमंत्री पर लगाए आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रिफाईनरी के साथ पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स भी स्थापित किया जाना था। यदि भारी बहुमत से सत्ता में आई वर्तमान सरकार ने इस परियोजना को आगे बढ़ा दिया होता तो अब तक आधे से ज्यादा काम हो गया होता, क्योंकि इस रिफाईनरी का काम चार वर्ष में पूरा किया जाना निर्धारित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की नीयत में खोट के कारण रिफाईनरी का काम आगे बढ़ना तो दूर, उसका भाग्य अभी तक अधर में है। दुख इस बात का है कि पेट्रोलियम मंत्री, केन्द्र सरकार और खुद प्रधानमंत्री तक रिफाईनरी को लेकर अब तक मौन धारण किए रहे। उन्होंने इसमें कोई रुचि नहीं ली।
गहलोत ने कहा, ‘मैं पहले से ही कहता आ रहा हूं कि राज्य सरकार की इस प्रोजेक्ट में 26 प्रतिशत की भागीदारी है जिसे कम या ज्यादा किए जाने पर किसी को कोई एतराज नहीं होगा। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार येन-केन-प्रकारेण अटकाने में ही लगी रही। अब जबकि पेट्रोल-डीजल, लोहा, सीमेन्ट एवं अन्य निर्माण सामग्री के दाम काफी कम हो गए हैं, अब भी रिफाइनरी नहीं लगाने का क्या तुक है।’
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