दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना (Lieutenant Governor Vinai Kumar Saxena) को पत्र लिखकर चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार, डिवीजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार और आईएफसी सचिव आशीष कुंद्रा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन नौकरशाहों ने जानबूझकर दो मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और आतिशी के निर्देशों की अनदेखी की.
मंत्रियों ने इन अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देश दिया था कि WHO के बिल्डिंग ड्रेनेज रेगुलेटर की मरम्मत के लिए रात में एनडीआरएफ (NDRF) और आर्मी इंजीनियर्स रेजिमेंट को बुलाएं. अधिकारियों ने निर्देशों की अनदेखी की जिससे सुप्रीम कोर्ट सहित लुटियंस दिल्ली के वीआईपी क्षेत्रों में बाढ़ आ गई. बाद में दिन में एलजी ने दावा किया कि काम तभी होता जब एनडीआरएफ और इंजीनियर्स रेजिमेंट को अगले दिन बुलाया जाता.
भारद्वाज ने कहा है कि, यदि मंत्रियों के निर्देशों का पालन किया गया होता और पिछली रात सेना व एनडीआरएफ को बुलाया गया होता तो बाढ़ से बचा जा सकता था. अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ साजिश रची.
I&FC Minister @Saurabh_MLAgk writes to LG demanding action against CS Naresh Kumar, Div Com Ashwani Kumar and IFC Sec Ashish Kundra‼️
— AAP (@AamAadmiParty) July 15, 2023
▪️Bureaucrats deliberately ignored the instructions of 2 Ministers
▪️Ministers has clearly instructed these officers to call NDRF and Army… pic.twitter.com/tStA3pwbex
दरअसल, यमुना पर एक ड्रेन रेगुलेटर फेल होने के बाद आईटीओ पर यमुना का पानी घुस आया. इससे ट्रैफिक जाम हो गया. इसे लेकर शुक्रवार को एलजी वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज के बीच मीडिया के सामने ही बहस देखने को मिली.
एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, उनके दो मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज के साथ शुक्रवार को आईटीओ स्थित विकास भवन में उस जगह का दौरा किया, जहां गुरुवार की रात एक ड्रेन रेगुलेटर क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए एलजी ने कहा, "गेट नंबर 12 टूट जाने की वजह से यमुना का पानी आईटीओ की तरफ जा रहा है. इसको रोकने के लिए सेना, एनडीआरएफ, सिंचाई विभाग, बाढ़ विभाग और अन्य सभी विभागों की टीमें काम कर रही हैं." इसी दौरान सौरभ भारद्वाज ने एलजी को टोक दिया.
रात में नहीं भेजी गई एनडीआरएफ
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, "मैंने रात से कई अधिकारियों से एनडीआरएफ और सेना को शामिल करने की अपील की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब एनडीआरएफ आई है और हम इनका शुक्रिया अदा करते हैं कि जल्द ही टीम हालत पर काबू पाने में सफल होगी. लेकिन मुख्य सचिव के ग्रुप में मौजूद होने के बावजूद किसी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया."
डिवीजनल कमिश्नर ने नहीं सुनी गुजारिश
बाद में सौरभ भारद्वाज ने डिवीजनल कमिश्नर का नाम लेते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कैसे बार-बार अनुरोध को डिविजनल कमिश्नर ने नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने लिखा, "क्योंकि कुछ मीडिया मित्र पूछ रहे हैं - अगर कुछ आईएएस ऐसी आपात स्थिति में भी अपने मंत्री की बातों को नजरअंदाज करेंगे, तो सरकार कैसे काम करेगी? अश्विनी कुमार जी मंडलायुक्त हैं, लेकिन बार-बार अनुरोध के बाद भी रात में एनडीआरएफ को नहीं बुलाया गया. क्या आप अध्यादेश के कारण मनमानी करेंगे?”
पूरे मामले में दिल्ली के एलजी ने कहा, "यह वक्त किसी पर इल्जाम लगाने या टिप्पणी करने का नहीं है. अभी हमें मिलजुल कर काम करने की जरूरत है. अगर हम ऐसे ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रखेंगे तो फिर काम कैसे होगा?"
सेना ने की ड्रेनेज रेगुलेटर की मरम्मत
शुक्रवार को देर रात उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने कहा कि सेना ने यमुना नदी के तेज बहाव के कारण इंद्रप्रस्थ के निकट क्षतिग्रस्त हुए ड्रेनेज रेगुलेटर (गति व्यवस्थापक) की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है. उपराज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘मजदूर कर्मियों, भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों को नमन. उनके अथक प्रयास और परिश्रम से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमारत के सामने यमुना का तटबंध किया जा सका और आईटीओ बैराज पर गाद से जाम द्वार को खोला जा सका.''
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