दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 88 में अजय गोस्वामी ने अपने बयान में कहा है कि ''वह 25 फरवरी 2019 को अपने अंकल राकेश शर्मा के घर आया था. उसके बाद वह दोपहर में करीब 3 बजकर 50 मिनट पर अपने घर खजूरी जा रहा था. जैसे ही गली के कोने पर पहुंचा तो देखा कि मेन करावल नगर रोड पर भीड़ जमा थी. लोग पत्थरबाजी और गोलीबाजी कर रहे थे तथा उत्पात मचा रहे थे.''
उसने कहा है कि ''उत्पात देखकर मैं फिर अपने अंकल के घर की तरफ भगाने लगा तो मेरे दाहिने कूल्हे पर कोई गोली जैसी जोरदार चीज़ लगी. वहां खड़े लोगों ने बताया कि गली नंबर 5 और 6 के बीच गुलफाम और तनवीर अंधाधुंध गोलियां चला रहे हैं. वहां खड़े लोगों ने बताया कि तुझे गोली लगी है तू यहां से चला जा. जिन लड़कों ने मुझे उठाया था वे कह रहे थे कि ताहिर हुसैन के मकान से काफी लोग गोलियां चला रहे हैं, पेट्रोल बम फेंक रहे हैं, पत्थर फेंक रहे हैं.''
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अजय ने कहा है कि ''मेरे अंकल राकेश शर्मा मुझे अन्य लड़कों के साथ हॉस्पिटल ले गए. उन्होंने मुझे फस्ट एड देकर कहीं और ले जाने को कहा. इसके बाद मेरे अंकल राकेश शर्मा मुझे हिन्दू राव हॉस्पिटल लेकर आए और मुझे एडमिट करा दिया. यहां मेरा इलाज चल रहा है. मुझ पर जानलेवा हमला करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.''
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उन्होंने बताया कि ''25 फरवरी 2020 को परिवार के लोग हॉस्पिटल पहुंच गए और शाम को दयालपुर थाने में जाकर बताया कि हमारे लड़के को दंगे के दौरान मूंगा नगर करावल नगर रोड गली नम्बर 8 के पास गोली मारी गई है. उसको हमने हिंदूराव अस्पताल में भर्ती करवाया है.'' दयालपुर थाने में आईपीसी की धारा 307, 120 बी, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है.
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इसके अलावा दिल्ली हिंसा मामले में नार्थ ईस्ट जिले के खजूरी खास थाने में भी ताहिर हुसैन पर एफआईआर दर्ज की गई है. कांस्टेबल संग्राम सिंह ने दर्ज कराई इस FIR में लिखा है कि ''मैं थाना खजुरी खास में बतौर सिपाही तैनात हूं. तारीख 24 फरवरी को CAA NRC प्रोटेस्ट के दौरान मेरी व हेड कांस्टेबल विक्रम की ड्यूटी चांद बाग पुलिया, ई ब्लॉक खजूरी खास में लगी थी. वहां शेरपुर चौक की तरफ जाने वाले रास्ते व आसपास की गलियों में काफी भीड़ इकट्ठी होने लगी. उपद्रवी आगजनी और पत्थरबाजी कर रहे थे. वे निजी और सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे. भीड़ में से कुछ लोग पथराव और आगजनी के लिए भीड़ को उकसा रहे थे. उस वक्त करीब दो बजकर 15 मिनट पर चांद बाग की तरफ से और भी लोगों की भीड़ आ गई और उन्होंने भी आगजनी, पथराव शुरू कर दिया.''
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संग्राम सिंह ने कहा है कि ''हम अपने स्तर से भीड़ को समझा रहे थे, और उन्हें रोकने का प्रयास भी कर रहे थे. लेकिन वे हमारी बात मानने को तैयार नही थे. भीड़ बहुत ज़्यादा होने की वजह से उन्हें काबू करना नामुमकिन था. हम पर भी पथराव करने लगे. तब हम अपनी जान बचाकर प्रदीप नाम के शख्स की पार्किंग में घुस गए. दो हेड कॉन्स्टेबल जान बचाकर गलियों में भागे.''
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उन्होंने कहा है कि ''पब्लिक के लोग भी जान बचाने इधर-उधर भाग रहे थे. मेरी मोटरसाइकिल भी जल गई. हमने प्रदीप की पार्किंग का शटर कुछ लोगों की मदद से गिरा दिया. और अंदर पहले फ्लोर पर चले गए. उग्र भीड़ ने पार्किंग का शटर तोड़ दिया और खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी.''
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संग्राम सिंह ने बताया है कि ''प्रदीप की छत पर एक शादी का खाना बन रहा था. प्रदीप की पार्किंग के पास ताहिर हुसैन के मकान की छत पर काफी सख्या में उपद्रवी इकट्ठे थे. वे छत से पार्किंग की तरह पत्थर व आग लगाने वाली चीजें फेंक रहे थे. इससे शादी का समान भी खराब हो गया. उस भीड़ ने आसपास की दुकान में भी तोडफोड़ की.''
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