पहली बार गणतंत्र दिवस पर 30 फेसियल रिकग्नीशन कैमरों से आतंकियों और बड़े अपराधियों पर नज़र रखी जाएगी. यानी ऐसे कैमरे लगे होंगे जो अपराधी या आतंकी की तस्वीर लेते ही कंट्रोल रूम को सतर्क कर देंगे.
गणतंत्र दिवस के मद्देनजर इस बार आतंक से निपटने के लिए पुलिस ने तकनीक का सहारा लिया है और 30 ऐसी आखों को जोड़ा है जो हजारों की भीड़ में छुपे आतंकी और बदमाशों को पलक झपकते ही पकड़ने की ताकत रखती हैं. यह 30 आंखें खास तरह के कैमरे हैं जिनके अंदर एक सॉफ्टवेयर की मदद से आतंकियों और बड़े अपराधियों की तस्वीरों का डेटा फीड किया गया है.
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इन 30 कैमरों को गणतंत्र दिवस परेड को देखने आने वाले 30 एंट्री गेटों पर लगाया गया है. इनकी जद में परेड देखने आने वाला हर शख्स होगा. जो भी वहां से निकलेगा, अगर उसका चेहरा डेटा में डाली गई फ़ोटो से 70 प्रतिशत से ज्यादा मिल जाएगा तो पास में बने कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा और सुरक्षा कर्मी फौरन उस शख्स को पकड़ लेंगे.
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नई दिल्ली के डीसीपी मधुर वर्मा ने बताया कि कंट्रोल रूम की मॉनिटरिंग स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और इंटेलिजेंस ब्यूरो के लोग करेंगे. पिछले 15 अगस्त को इन कैमरों का लाल किले पर ट्रायल हुआ था. लेकिन इसका इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है. इसके अलावा 250 सीसीटीवी कैमरों से भी पूरे राजपथ पर नज़र रखी जा रही है.
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