
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
दिल्ली की भलस्वां लैंड फिल साइट पर फिर से आग फैल रही है.आसपास के पूरे इलाक़े में वायु-प्रदूषण का ख़तरा बढ़ता जा रहा है. जहरीले धुएं की वजह से लोग परेशान हैं. उनका कहना है, इस पर ज़रूरी कार्रवाई हो.
दिल्ली में ये ज्वालामुखी हमने ही तैयार किया है. भलस्वां में दशकों से जमा होता कूड़ा अब एक पहाड़ हो चुका है.
एनडीएमसी के ड्राइवर कुलवंत हर रोज़ कचरा लेकर दिल्ली की भलस्वां लैंडफिल साइट पर आते हैं. ये सिलसिला बरसों से जारी है. उनके सामने ही इस साइट पर आग लगी जो अब तक बुझी नहीं है, बढ़ती जा रही है.
कुलवंत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि धुंआ और गंदगी की वजह से उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं
से जूझना पड़ता है. कभी आंखों में पानी आता है तो कभी सांस लेने में परेशानी होती है. उनके हेल्पर अमरेंद्र कहते हैं, कचरे के पहाड़ पर जाना भी सुरक्षित नहीं क्योंकि कई बार गैस जमने की वजह से कुछ हिस्सों में अचानक आग लग जाती है जिससे उनके जैसे वर्कर के लिए खतरी भी बढ़ जाता है.
भलस्वां लैंड फिल साइट से लगी हुई है श्रद्धानंद कॉलोनी. यहां के लोगों की आंखों के सामने कई बार आग लगती रही है लेकिन प्रशासन ने इसे कभी संजीदगी से नहीं लिया. लोगों की शिकायत है कि जहरीली गैस के रिसाव और आग लगने से होने वाले धुएं की वजह से स्थानीय लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य की चुनौतियों से जूझना पड़ा है
जिसमें अस्थमा और सांस लेने में होने जैसी समस्याएं प्रमुख हैं.
रविवार को नए सिरे से लगी आग ने दिल्ली की खराब हवा को कुछ और खराब बना दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा खबर के मुताबिक प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली अभी खराब श्रेणी में है जबकि गुड़गांव-फरीदाबाद ज्यादा खराब श्रेणी में हैं.
दिल्ली-एनसीआर इलाके में इन हालात में तरह-तरह की सांस की बीमारियां हो सकती हैं. दिल्ली की हवा सुधारने के लिए बाकी कदमों के साथ-साथ भलस्वां जैसी लैंड फिल साइट्स का भी सही इंतज़ाम करना ज़रूरी है.
दिल्ली में ये ज्वालामुखी हमने ही तैयार किया है. भलस्वां में दशकों से जमा होता कूड़ा अब एक पहाड़ हो चुका है.
एनडीएमसी के ड्राइवर कुलवंत हर रोज़ कचरा लेकर दिल्ली की भलस्वां लैंडफिल साइट पर आते हैं. ये सिलसिला बरसों से जारी है. उनके सामने ही इस साइट पर आग लगी जो अब तक बुझी नहीं है, बढ़ती जा रही है.
कुलवंत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि धुंआ और गंदगी की वजह से उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं
से जूझना पड़ता है. कभी आंखों में पानी आता है तो कभी सांस लेने में परेशानी होती है. उनके हेल्पर अमरेंद्र कहते हैं, कचरे के पहाड़ पर जाना भी सुरक्षित नहीं क्योंकि कई बार गैस जमने की वजह से कुछ हिस्सों में अचानक आग लग जाती है जिससे उनके जैसे वर्कर के लिए खतरी भी बढ़ जाता है.
भलस्वां लैंड फिल साइट से लगी हुई है श्रद्धानंद कॉलोनी. यहां के लोगों की आंखों के सामने कई बार आग लगती रही है लेकिन प्रशासन ने इसे कभी संजीदगी से नहीं लिया. लोगों की शिकायत है कि जहरीली गैस के रिसाव और आग लगने से होने वाले धुएं की वजह से स्थानीय लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य की चुनौतियों से जूझना पड़ा है
जिसमें अस्थमा और सांस लेने में होने जैसी समस्याएं प्रमुख हैं.
रविवार को नए सिरे से लगी आग ने दिल्ली की खराब हवा को कुछ और खराब बना दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा खबर के मुताबिक प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली अभी खराब श्रेणी में है जबकि गुड़गांव-फरीदाबाद ज्यादा खराब श्रेणी में हैं.
दिल्ली-एनसीआर इलाके में इन हालात में तरह-तरह की सांस की बीमारियां हो सकती हैं. दिल्ली की हवा सुधारने के लिए बाकी कदमों के साथ-साथ भलस्वां जैसी लैंड फिल साइट्स का भी सही इंतज़ाम करना ज़रूरी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं