दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज सस्ता हुआ, आदेश तुरंत प्रभाव से लागू

Coronavirus: केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित समिति की सिफारिश पर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मुहर लगने के बाद अब दिल्ली सरकार ने औपचारिक आदेश जारी कर दिया

दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज सस्ता हुआ, आदेश तुरंत प्रभाव से लागू

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

Delhi Coronavirus: दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का इलाज सस्ता हो गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित समिति की सिफारिश पर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मुहर लगने के बाद अब दिल्ली सरकार ने इसको लेकर औपचारिक आदेश जारी कर दिया है. दिल्ली सरकार का आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है.

दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक प्राइवेट अस्पताल की कुल क्षमता के अधिकतम 60 फीसदी बेड पर अब इलाज रियायती दरों पर होगा. यानी अगर कोई प्राइवेट अस्पताल कुल 500 बेड की क्षमता का है तो उसके 300 (60%) बेड पर कोरोना का इलाज रियायती रेट पर होगा. लेकिन अगर कोई अस्पताल कुल 500 बेड की क्षमता का है और उसने कोरोना के लिए 250 ही बेड रखे हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि अस्पताल सिर्फ 150 बेड पर कोरोना मरीजों का इलाज सस्ते में करेगा, बल्कि इस सूरत में सभी 250 बेड पर अस्पताल रियायती रेट पर कोरोना मरीजों का इलाज करेगा. क्योंकि अस्पताल की कुल बेड क्षमता 500 है और 60% बेडों के हिसाब से 300 बेडों पर अस्पताल सस्ते में इलाज करेगा.

यानी कुल मिलाकर अस्पताल की कुल क्षमता के 60% कोरोना मरीजों के सस्ते इलाज में लगेगा, जबकि इसकी भरपाई के लिए अस्पताल बाकी के 40 फीसदी बेडों पर मार्केट रेट के हिसाब से चार्ज कर सकता है.

अब यह है प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज का रेट

साधारण आइसोलेशन बेड- 8,000-10,000
ICU बिना वेंटीलेटर के- 13,000 से 15,000
ICU वेंटीलेटर के साथ- 15,000 से 18,000

यह रेट प्रतिदिन के हिसाब से होगा और इसमें PPE का खर्चा शामिल होगा.

अभी प्राइवेट अस्पतालों में यह है प्रतिदिन का चार्ज 

साधारण आइसोलेशन बेड- 24,000-25,000
ICU बिना वेंटीलेटर के- 34,000 -43,000
ICU वेंटीलेटर के साथ- 44,000-54000

अभी प्राइवेट अस्पताल PPE का चार्ज अलग से केटेगरी के हिसाब से कर रहे हैं.

पैकेज सिस्टम 

रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली सरकार ने जिन रेट को मंजूरी दी है वह एक तरह से पैकेज रेट ही हैं जिसमें सब कुछ शामिल है, जैसे बेड, खाना, निगरानी, नर्सिंग केयर डॉक्टर की विजिट या कंसल्टेशन, इमेजिंग जैसी इन्वेस्टिगेशन, ऑक्सीजन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, पुरानी गंभीर बीमारी आदि.

जिन लोगों को गंभीर बीमारी भी होगी जैसे कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज, दिल की बीमारी आदि... यह सब पैकेज का हिस्सा होंगे जब तक कोरोना का इलाज चलेगा. यानी इनके लिए अस्पताल कुछ अलग से चार्ज नहीं कर सकेगा.

इसका सीधा मतलब यह है कि जो रेट अब मंजूर किए गए हैं पैकेज उसी आधार पर अस्पताल को बनाना होगा. उदाहरण के लिए आइसोलेशन बेड (सपोर्टिव केयर और ऑक्सीजन शामिल) के लिए रोजाना 10,000 रुपये का रेट तय किया गया है. अगर मरीज 14 दिन तक अस्पताल में रहता है तो इस हिसाब से पैकेज 1,40,000 का होगा.

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कोरोना मरीज़ बच्चे के लिए भी यही रेट लागू होंगे. प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी इन रेट में कवर नहीं होगी. सिफारिश किए गए रेट में डायग्नोस्टिक टेस्ट का ख़र्चा शामिल नहीं हैं. इन रेट पर दी जा रही मेडिकल सेवा की क्वालिटी के मामले में किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा.