Coronavirus: दिल्ली और एनसीआर (Delhi NCR) में भले ही लॉकडाउन (Lockdown) नहीं हुआ हो लेकिन लॉकडाउन की आशंका के चलते दिल्ली और हरियाणा से मजदूर अपनी पूरी गृहस्थी लेकर अपने घर जा रहे हैं. दिल्ली के सराय काले ख़ां पर फिर से मज़दूरों का हुजूम इकट्ठा है. महिलाओं के सिर पर उनकी गृहस्थी और धूप में तपते बच्चे. ये बीते साल के लॉकडाउन के बाद पलायन की याद दिलाने वाली तस्वीरें हैं.
इसी हुजूम में हमें मिले रूपलाल. मध्य प्रदेश के पन्ना के रहने वाले रूपलाल दिल्ली और गुरुग्राम में मिस्त्री का काम करते हैं. अब वे काम छोड़कर घर लौट रहे हैं, वजह है लॉकडाउन का डर. उनके साथ उनके गांव के लड़के भी जा रहे हैं जो मिस्त्री का काम करते हैं.
मध्य प्रदेश के दमोह के रहने वाले भूरा अपने सात लोगों के परिवार के साथ सराय काले खां बस अड्डे से गांव के लिए रवाना हो रहे हैं. भूरा और उनका परिवार मजदूरी करता है लेकिन अब ज्यादा काम भी नहीं है और लॉकडाउन की आशंका भी, इसलिए इन लोगों ने गांव जाना ही बेहतर समझा. यूपी के महोबा के रहने वाले कल्लू दिल्ली एनसीआर में बेलदारी का काम करते हैं. लॉकडाउन के डर से वे भी गांव चल दिए.
सराय काले खां बस अड्डे पर ऐसे ही मजदूरों की भीड़ है जो कोरोना के शुरुआती दौर की यादें अब तक नहीं भूले हैं, इसलिए लॉकडाउन लगने से पहले लोग घर जाना चाहते हैं. गुरुग्राम में नाईट कर्फ्यू लगते ही लगातार गुरुग्राम, झज्जर और रिवाड़ी से मजदूरों से भरी बसें आ रहीं हैं और फिर यहां से मजदूर अपने-अपने घरों के लिए तरह-तरह के साधनों से रवाना हो रहे हैं.
मजदूर प्रीतम ने बताया कि वह मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के रहने वाले हैं. वह झज्जर में रह रहे थे. वह बस में सवार होकर आए हैं. वे आगे भी बस से जाना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि वह लॉकडाउन की वजह से जाना चाहते हैं, यहां क्या करेंगे, काम है नहीं.
पिछली बार इन मज़दूरों ने लॉकडाउन के बाद दिल्ली में जो कुछ झेला, उसे वो सारी मुश्किलों के बावजूद फिर झेलने को तैयार नहीं हैं. इसीलिए एक अंदेशे भर से इनके पांव अपने पुराने घरों की ओर मुड़ गए हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं