वन विभाग का ड्राइवर रवि।
बेंगलुरु:
बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में वन विभाग के ड्राईवर रवि को पुलिस कर्मियों ने पीटा और सड़क पर बेहोशी की हालत में छोड़ दिया। बाद में जब उसे होश आया तो वह किसी तरह अपने घर पहुंचा। गनीमत थी इस दौरान कोई तेज रफ्तार वाहन वहां से नहीं गुजरा, अन्यथा उसकी जान पर बन सकती थी। ट्रैफिक पुलिस आयुक्त सलीम ने डीसीपी ट्रैफिक को इस मामले की जांच का आदेश दिया है।
पुलिस पर 2000 रुपये छीनने का आरोप
बताया जाता है कि मल्लेश्वरम में रात में करीब 10 बजे वन विभाग का ड्राईवर रवि नशे में धुत रास्ते से गुजरा। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने उसे पकड़ लिया। रवि के मुताबिक जब पुलिस वालों ने उससे चालान की बात की तो उसने चालान नहीं काटने को कहा। इसके बाद रवि ने कहा कि वह अपने बॉस से बात करना चाहता है। इस पर एक पुलिसकर्मी को इतना गुस्सा आया कि उसने उसे जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मी भी उसकी पिटाई करने लगे। उसे इस हद तक पीटा कि वह बेहोश हो गया। थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया तो उसने खुद को बीच सड़क पर पाया। वह किसी तरह घर पहुंचा। रवि का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उसके जेब से 2000 रुपये निकाल लिए।
डीसीपी को जांच के आदेश दिए
घटना के अगले दिन जब उसने मामला दर्ज करवाना चाहा तो मल्लेश्वरम थाने ने मना कर दिया। एक मानवाधिकार कार्यकर्ता की मदद से वह ट्रैफिक पुलिस प्रमुख एमए सलीम से मिला। उनका रवैया भी टालमटोल वाला ही था। हालांकि सलीम ने डीसीपी ट्रैफिक को मामले की जांच का आदेश दिया। सलीम से जब NDTV ने पूछा कि इसे पुलिस की गुंडागर्दी क्यों न मानी जाए, पहले पिटाई फिर मरने के लिए बीच सड़क पर छोड़ देना कहां तक सही है? इस पर उनका जवाब था कि मामले की जांच डीसीपी कर रहे हैं।
पुलिस पर 2000 रुपये छीनने का आरोप
बताया जाता है कि मल्लेश्वरम में रात में करीब 10 बजे वन विभाग का ड्राईवर रवि नशे में धुत रास्ते से गुजरा। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने उसे पकड़ लिया। रवि के मुताबिक जब पुलिस वालों ने उससे चालान की बात की तो उसने चालान नहीं काटने को कहा। इसके बाद रवि ने कहा कि वह अपने बॉस से बात करना चाहता है। इस पर एक पुलिसकर्मी को इतना गुस्सा आया कि उसने उसे जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मी भी उसकी पिटाई करने लगे। उसे इस हद तक पीटा कि वह बेहोश हो गया। थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया तो उसने खुद को बीच सड़क पर पाया। वह किसी तरह घर पहुंचा। रवि का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उसके जेब से 2000 रुपये निकाल लिए।
डीसीपी को जांच के आदेश दिए
घटना के अगले दिन जब उसने मामला दर्ज करवाना चाहा तो मल्लेश्वरम थाने ने मना कर दिया। एक मानवाधिकार कार्यकर्ता की मदद से वह ट्रैफिक पुलिस प्रमुख एमए सलीम से मिला। उनका रवैया भी टालमटोल वाला ही था। हालांकि सलीम ने डीसीपी ट्रैफिक को मामले की जांच का आदेश दिया। सलीम से जब NDTV ने पूछा कि इसे पुलिस की गुंडागर्दी क्यों न मानी जाए, पहले पिटाई फिर मरने के लिए बीच सड़क पर छोड़ देना कहां तक सही है? इस पर उनका जवाब था कि मामले की जांच डीसीपी कर रहे हैं।
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