दिल्ली में दशहरा पर होने वाला वायु प्रदूषण पांच साल के निचले स्तर पर आ गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक हवा की गुणवत्ता बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI इस दशहरा पर रावण दहन के बाद 173 रहा जिसे मॉडरेट कहा जाता है. जबकि दशहरा पर 2018 में 326 (वेरी पुअर), दशहरा 2017 में 196 (मॉडरेट), दशहरा 2016 में 223 (पुअर) और दशहरा 2015 में AQI 292 (पुअर) था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए रामलीला समितियों को बधाई दी है. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा 'सभी रामलीला समितियों को दशहरा पर पटाखे कम जलाने के लिए तहे दिल से बधाई. समाज में कोई भी बड़ा बदलाव लोगों के सहयोग के बिना संभव नहीं होता. डेंगू और प्रदूषण, दोनों को ही कम करने में हमें जो सफलता मिली है, वो सभी लोगों के सहयोग से ही हो पाया है.'
दिल्ली में इस बार ग्रीन पटाखे का इस्तेमाल किया गया जिसके चलते वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी महसूस की गई. वैसे मौसम के जानकारों के मुताबिक दिल्ली में इस साल दशहरा पर इतना कम प्रदूषण रहने के दो मुख्य कारण हैं. पहला कारण है कि इस समय मानसून लौट रहा है जिसकी वजह से हवा की गति तेज है. हवा की गति तेज होने से जो प्रदूषण होता भी है तो वह उड़ जाता है. दूसरा कारण है कि पंजाब और हरियाणा में अभी हवा में काफी नमी है जिसके चलते पराली के जलने से होने वाला प्रदूषण दिल्ली की तरफ नहीं आ रहा.
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