चेन्नई बाढ़ (फाइल फोटो)
चेन्नई:
तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि चेन्नई में आई भीषण बाढ़ के लिए राज्य सरकार को दोषी न ठहराया जाए। गौरतलब है कि भारी बारिश के कारण चेन्नई को सदी की सबसे भीषण बाढ़ झेलनी पड़ी है।
बाढ़ का कारण नवंबर में हुई भारी बारिश
प्रधान सचिव के. गणनादेसिकान ने उन दावों को खारिज किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि अधिकारियों के निर्णय न ले सकने और कुप्रबंधन के साथ-साथ अड्यार नदी में चेंबरम्बक्कम झील से पानी छोड़ने के कारण इतनी भीषण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि बाढ़ आने का प्रारंभिक कारण तो नवंबर महीने में हुई भारी बारिश रही, जिसके बाद भी चेन्नई, कांचिपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में एक दिसंबर तक भारी बारिश जारी रही।
50 सेमी तक बारिश की चेतावनी नहीं मिली
मीडिया में कहा जा रहा है कि अड्यार नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ जाने से आई बाढ़ के कारण हुई मौतों और संपत्तियों को पहुंची भारी क्षति चेंबरम्बक्कम झील से पानी छोड़ने में हुए कुप्रबंधन के कारण हुई। प्रधान सचिव ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 30 नवंबर और एक दिसंबर को छिटपुट भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, न कि 50 सेंटीमीटर तक बारिश की, जैसा कि कुछ मीडिया वाले खबर चला रहे हैं।
छिटपुट बारिश के मायने यह
उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग की परिभाषा के अनुसार छिटपुट का मतलब सिर्फ एक या दो जगहों पर होता है और भारी बारिश 6.4 सेंटीमीटर से 12.4 सेंटीमीटर की बारिश को कहा जाता है, जबकि चेन्नई में 12.4 सेंटीमीटर से 24.4 सेंटीमीटर तक भारी बारिश हुई।
बाढ़ का कारण नवंबर में हुई भारी बारिश
प्रधान सचिव के. गणनादेसिकान ने उन दावों को खारिज किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि अधिकारियों के निर्णय न ले सकने और कुप्रबंधन के साथ-साथ अड्यार नदी में चेंबरम्बक्कम झील से पानी छोड़ने के कारण इतनी भीषण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि बाढ़ आने का प्रारंभिक कारण तो नवंबर महीने में हुई भारी बारिश रही, जिसके बाद भी चेन्नई, कांचिपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में एक दिसंबर तक भारी बारिश जारी रही।
50 सेमी तक बारिश की चेतावनी नहीं मिली
मीडिया में कहा जा रहा है कि अड्यार नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ जाने से आई बाढ़ के कारण हुई मौतों और संपत्तियों को पहुंची भारी क्षति चेंबरम्बक्कम झील से पानी छोड़ने में हुए कुप्रबंधन के कारण हुई। प्रधान सचिव ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 30 नवंबर और एक दिसंबर को छिटपुट भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, न कि 50 सेंटीमीटर तक बारिश की, जैसा कि कुछ मीडिया वाले खबर चला रहे हैं।
छिटपुट बारिश के मायने यह
उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग की परिभाषा के अनुसार छिटपुट का मतलब सिर्फ एक या दो जगहों पर होता है और भारी बारिश 6.4 सेंटीमीटर से 12.4 सेंटीमीटर की बारिश को कहा जाता है, जबकि चेन्नई में 12.4 सेंटीमीटर से 24.4 सेंटीमीटर तक भारी बारिश हुई।
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