जींद में बैंक के बाहर लगी पुलिस...
- बैंक के 12 कर्मचारियों को तकरीबन 4 घंटे तक बंधक बना लिया था
- पुलिस के दखल के बाद रात 10 बजे उनको रिहा किया गया.
- बैंक अफसर अपने लोगों को कैश बांट देते हैं.
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चंडीगढ़:
हरियाणा के जींद के सात गावों के लोगों के काम आने वाला एक बैंक बंद पड़ा है. शुक्रवार की शाम गुस्से से भरे गांव वालों ने इस बैंक के 12 कर्मचारियों को तकरीबन 4 घंटे तक बंधक बना लिया था.
पुलिस के दखल के बाद रात 10 बजे उनको रिहा किया गया. कई गांव वालों का आरोप है कि नोटबंदी के बाद से वो एक बार भी अपने खाते से पैसे नहीं निकलवा सके हैं. उनका आरोप है कि बाहर लंबी लाइन लगी रहती है और बैंक अफसर अपने लोगों को कैश बांट देते हैं.
बैंक अधिकारियों ने कैमरे पर आने से मना कर दिया लेकिन बताया कि ब्रांच में हफ्ते में 3 दिन ही कैश आ रहा है, इसलिए हर किसी को पेमेंट नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा मिलने तक बैंक बंद ही रहेगा.
70 साल के राम चंदर अपनी एक एकड़ ज़मीन में आम तौर पर 30 क्विंटल गेहूं उगाते हैं, लेकिन इस साल कैश की कमी होने की वजह से उनको नहीं लगता कि 10 क्विटंल भी पैदावार हो पाएगी। उन्होंने बताया कि खेत में खाद डालनी और खरीदने के लिए पैसा नहीं है. एक ही बोरा खाद बची है, सिंचाई के लिए पैसा नहीं है, इसलिए खेत सूखा पड़ा है.
पुलिस के दखल के बाद रात 10 बजे उनको रिहा किया गया. कई गांव वालों का आरोप है कि नोटबंदी के बाद से वो एक बार भी अपने खाते से पैसे नहीं निकलवा सके हैं. उनका आरोप है कि बाहर लंबी लाइन लगी रहती है और बैंक अफसर अपने लोगों को कैश बांट देते हैं.
बैंक अधिकारियों ने कैमरे पर आने से मना कर दिया लेकिन बताया कि ब्रांच में हफ्ते में 3 दिन ही कैश आ रहा है, इसलिए हर किसी को पेमेंट नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा मिलने तक बैंक बंद ही रहेगा.
70 साल के राम चंदर अपनी एक एकड़ ज़मीन में आम तौर पर 30 क्विंटल गेहूं उगाते हैं, लेकिन इस साल कैश की कमी होने की वजह से उनको नहीं लगता कि 10 क्विटंल भी पैदावार हो पाएगी। उन्होंने बताया कि खेत में खाद डालनी और खरीदने के लिए पैसा नहीं है. एक ही बोरा खाद बची है, सिंचाई के लिए पैसा नहीं है, इसलिए खेत सूखा पड़ा है.
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