अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने अपनी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) मीटिंग में ब्याज दरों (Interest Rates) को स्थिर रखने का फैसला किया है. फेड ने 4.25% से 4.5% की रेंज में दरें बनाए रखीं, जिससे यह संकेत मिलता है कि निकट भविष्य में दरों में कटौती की संभावना नहीं है.
फेड चेयर जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने कहा कि फिलहाल नीतिगत बदलाव की कोई जल्दी नहीं है और महंगाई (Inflation) को और नीचे लाने के लिए स्थिति को मॉनिटर किया जाएगा.
फेड का पॉलिसी स्टैंड: दरें स्थिर, आगे क्या होगा?
फेड चेयर पॉवेल ने स्पष्ट किया कि दरों में कटौती (FED Rate Cut) के लिए अभी सही समय नहीं है और फेड किसी जल्दबाजी में नहीं है. हालांकि, अगर महंगाई दर तेजी से घटती है और सरकार की नीतियों का ज्यादा असर नहीं पड़ता, तो फेड भविष्य में दरों में कटौती कर सकता है.
उन्होंने कहा, "हमें अपनी मौद्रिक नीति (Monetary Policy) को बदलने की जल्दी नहीं है. अर्थव्यवस्था फिलहाल मजबूत है और ब्याज दरों का दबाव उतना नहीं है जितना पहले था."
महंगाई और अमेरिकी नीतियों का प्रभाव
फेड ने अपनी स्टेटमेंट में कहा कि महंगाई अभी भी "थोड़ी ऊंची" (Somewhat Elevated) बनी हुई है और इसे 2% के लक्ष्य पर लाने की जरूरत है. हालांकि, इस बार फेड ने अपने बयान में महंगाई में सुधार का जिक्र हटाया, जिससे निवेशकों में असमंजस बढ़ गया. पॉवेल ने इस बदलाव को सिर्फ भाषा सुधार बताया और कहा कि इसका कोई गहरा संदेश नहीं है.
फेड की घोषणा के बाद ग्लोबल मार्केट पर असर
फेड के इस फैसले का असर वैश्विक शेयर बाजार (Stock Market) और करेंसी मार्केट (Currency Market) पर भी देखा गया.
- वॉल स्ट्रीट (Wall Street): अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आई क्योंकि निवेशकों को उम्मीद थी कि फेड जल्द ही दरों में कटौती करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
- एशियाई बाजार (Asian Markets): जापान के बाजारों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि ऑस्ट्रेलियाई शेयरों में हल्की तेजी रही. चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान के बाजार लूनर न्यू ईयर (Lunar New Year) की छुट्टियों के कारण बंद रहे.
- डॉलर और येन (Dollar vs Yen): डॉलर के मुकाबले जापानी येन (Japanese Yen) में हल्की बढ़त देखी गई, जबकि अमेरिकी बॉन्ड मार्केट (Treasury Bonds) में ज्यादा हलचल नहीं रही.
अब आगे क्या?
फेड के इस फैसले से संकेत मिलता है कि 2025 की पहली छमाही तक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा. अगर महंगाई लगातार घटती है और अर्थव्यवस्था स्थिर रहती है, तो जून 2025 के बाद फेड दरों में कटौती पर विचार कर सकता है.
फिलहाल, निवेशकों को बाजार में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि फेड की अगली मीटिंग और अमेरिका की नई आर्थिक नीतियों से आगे की स्थिति और स्पष्ट होगी.
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