
- NPCI ने 1 अक्टूबर से यूपीआई के कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर को बंद करने का आधिकारिक निर्णय लिया है
- कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर के माध्यम से व्यक्ति दूसरे से पैसे मांगकर भुगतान प्राप्त कर सकता था
- ठगों ने इस सुविधा का दुरुपयोग कर ग्राहकों को फर्जी रिक्वेस्ट भेजकर उनके खाते से पैसे निकाल लिए
'हेल्लो सर, आपके नंबर पर एक रिक्वेस्ट भेजी है, इसे अप्रूव कर दीजिए...पैसे आपके अकाउंट में आ जाएंगे'. इसके बाद पिन डालते ही पता चलता है कि पैसे आने की जगह चले गए. ठगों ने पिछले कई समय से इस तरीके से ग्राहकों से ठगी की है, जिसके बाद अब NPCI ने बड़ा कदम उठाया है. NPCI ने यूपीआई के एक फीचर को 1 अक्टूबर से बंद करने का ऐलाना किया है. आपको बताते हैं कि ये फीचर क्या है और इसका यूपीआई के लेन-देनों पर क्या असर पड़ने जा रहा है.
बंद होगी 'कलेक्ट रिक्वेस्ट' सर्विस
दरअसल NPCI ने यूपीआई के 'कलेक्ट रिक्वेस्ट' फीचर को खत्म करने का फैसला किया है. उम्मीद की जा रही है कि इस कदम के बाद भारत में यूपीआई का इस्तेमाल करना और सेफ हो जाएगा. साइबर फ्रॉड के केस में कमी आएगी.
क्या है ये 'कलेक्ट रिक्वेस्ट' फीचर?
इस फीचर के जरिए दूसरे व्यक्तियों से पैसे लिए जाते हैं. जैसे, आपको अगर मिस्टर A से 1 हजार रुपये लेने हैं तो आप एक 'कलेक्ट रिक्वेस्ट' अपने यूपीआई ऐप से मिस्टर A को दे देंगे, जिसके बाद मिस्टर A के पास इस रिक्वेस्ट का एक नोटिफेकिशन जाएगा. उसके पिन डालते ही 1 हजार रुपये आपके खाते में आ जाएंगे.
कैसे होता था गलत इस्तेमाल?
इस फीचर को लाया तो इसलिए गया था कि जरूरतमंद लोग पैसे के लिए अपनी रिक्वेस्ट भेज सकें, साथ ही पैसे लेने वाले लोग रिमांइडर भेज सकें. पर ठगों ने इस सुविधा का अलग ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था. लॉटरी के नाम पर कई बार ग्राहकों को बोला जाता था इस रिक्वेस्ट के जरिए पिन डालते ही पैसे आपके खाते में आ जाएंगे. लोग समझते थे कि पैसा अकाउंट में आ जाएगा और ट्रांजेक्शन कर देते थे. फिर उनके अकाउंट से पैसा ठगों को अकाउंट में चला जाता था.
NPCI ने क्या कहा?
NPCI ने जानकारी दी कि ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए 1 अक्टूबर से यूपीआई के 'कलेक्ट रिक्वेस्ट' फीचर को बंद कर रहे हैं. एक यूजर्स दूसरे यूजर्स को पैसे के लिए 'रिक्वेस्ट' नहीं भेज पाएगा.
यूपीआई की सर्विस पर क्या पड़ेगा असर?
NPCI के इस कदम का यूपीआई की सर्विस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सामान्य रूप से इसका इस्तेमाल होता रहेगा. NPCI के मुताबिक, हर महीने UPI पर करीब 16 अरब ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. ठगी के मामलो में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसलिए इस सर्विस को बंद करने का फैसला लिया गया है.
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