
विदेशी कैश इनफ्लो (FPI Cash Inflow) में सुधार और कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में आई गिरावट के चलते डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती जारी है. सोमवार को लगातार 9वें सेशन में रुपये में तेजी देखने को मिली, जहां यह डॉलर के मुकाबले 3 पैसे मजबूत होकर 85.94 पर खुला. वहीं, डॉलर इंडेक्स में ज्यादा हलचल नहीं देखी गई.
RBI की खरीद-बिक्री स्वैप नीलामी पर नजर
शुक्रवार को रुपया 85.97 पर बंद हुआ था, और इस मजबूती के साथ यह जनवरी 2024 के बाद सबसे लंबे समय तक जारी रहने वाली तेजी बन गई है. डॉलर इंडेक्स में जारी सुस्ती के चलते मार्च में अब तक भारतीय करेंसी 1.83% तक मजबूत हो चुकी है.
भारत सरकार भी नहीं चाहती कि उसका केंद्रीय बैंक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से ‘करेंसी मैनिपुलेटर' करार दिया जाए, और शायद इसी वजह से RBI ने शुक्रवार को रुपये में आई इस मजबूती को बरकरार रहने दिया. भंसाली के मुताबिक, रुपया 85.60 से 86.60 के दायरे में रह सकता है.
भारतीय रुपये में शानदार रिकवरी
इंडिया फॉरेक्स एंड असेट मैनेजमेंट (IFA ग्लोबल) के फाउंडर और CEO अभिषेक गोयनका ने बताया कि भारतीय रुपये ने दो साल से ज्यादा समय में अपनी सबसे मजबूत साप्ताहिक बढ़त दर्ज की, जिसमें 1.2% की तेजी के साथ यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.9725 पर बंद हुआ. यह अब तक 84 से 87.95 के अपने सफर का लगभग 50% रिकवर कर चुका है.
उन्होंने बताया कि इस तेजी को मजबूत विदेशी निवेश से समर्थन मिला, जिसमें FTSE ऑल-वर्ल्ड इंडेक्स के रीबैलेंसिंग के चलते अनुमानित 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश और घरेलू इक्विटी में बेहतर माहौल भी शामिल है.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से रुपये को मिली मजबूती
शुरुआती ट्रेडिंग में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली, जिससे रुपये को मजबूती मिली. पेट्रोलियम एक्सपोर्ट देशों के संगठन OPEC+ ने घोषणा की कि वे अप्रैल से बंद पड़े उत्पादन को फिर से शुरू करेंगे. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इस फैसले के बाद उत्पादन में प्रतिदिन 138,000 बैरल की बढ़ोतरी होगी, जो मासिक बढ़ोतरी के सिलसिले में पहली बार देखने को मिलेगी. कच्चा तेल सुबह 10:55 बजे तक 71.36 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था.
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