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RBI MPC Meet 2025: फरवरी में होने वाली बैठक में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद: मार्केट एनालिस्ट

RBI MPC Meeting 2025: रिजर्व बैंक गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक चार से छह दिसंबर को होने वाली है. समिति के निर्णय की घोषणा छह दिसंबर को आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास करेंगे.

RBI MPC Meet 2025: फरवरी में होने वाली बैठक में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद: मार्केट एनालिस्ट
RBI Monetary Policy Meeting : केंद्रीय बैंक आगामी शुक्रवार को लगातार 11वीं बार रेपो दर में यथास्थिति बनाए रखने का विकल्प चुन सकता है.
नई दिल्ली:

मार्केट एनालिस्ट ने सोमवार को कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की फरवरी में होने वाली बैठक में ही ब्याज दर में कटौती हो सकती है. हालांकि, एनालिस्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक को चालू वित्त वर्ष (2024-25) की दूसरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि के कमजोर आंकड़ों पर ‘जल्दबाजी में आकर कोई प्रतिक्रिया देने' से बचने की सलाह दी है. 

केंद्रीय बैंक आगामी शुक्रवार को लगातार 11वीं बार रेपो दर में यथास्थिति बनाए रखने का विकल्प चुन सकता है. हालांकि, कम से कम दो एनालिस्ट का कहना है कि वह नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती कर सकता है या नकदी की स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक के पास जमा राशि के अनुपात में बदलाव कर सकता है.

रिजर्व बैंक गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक चार से छह दिसंबर को होने वाली है. समिति के निर्णय की घोषणा छह दिसंबर को आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास करेंगे.

लगभग सभी एनालिस्ट्स ने चालू वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर दिया है. कुछ एनालिस्ट का अनुमान है कि यह 6.3 प्रतिशत तक आ जाएगी, जबकि केंद्रीय बैंक ने 7.2 प्रतिशत का अनुमान जताया है.

भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों ने कहा, “यह बेहतर है कि दूसरी तिमाही के वृद्धि के आंकड़े को देखते हुए मौद्रिक नीति के स्तर पर ब्याज दर में कटौती जैसी ‘जल्दबाजी में आकर कोई प्रतिक्रिया' न हो. इसका कारण सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति अभी भी असहज स्तर पर बनी हुई है, हालांकि नवंबर से इसमें नरमी आने की उम्मीद है.” उन्होंने कहा कि आरबीआई को अपनी नकदी रणनीति पर फिर फिर से विचार करने की जरूरत है.

जर्मन ब्रोकरेज कंपनी डॉयचे बैंक के अर्थशास्त्रियों ने भी फरवरी में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद जताई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि आगामी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में सीआरआर में कटौती करना ‘उचित' है.

एचएसबीसी के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की फरवरी और अप्रैल की बैठकों में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है. मौद्रिक नीति समिति शुक्रवार को नीतिगत दर को लेकर यथास्थिति का विकल्प चुन सकता है.

अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा ग्लोबल रिसर्च ने भी कहा कि सकल मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक होने का हवाला देते हुए आरबीआई शुक्रवार को नीतिगत दर को यथावत रखेगा.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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