
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को खुदरा निवेशकों समेत अन्य के लिए चीजों को सुगम बनाने को कई कदम उठाये. इसके तहत एक तरफ जहां सरकारी सिक्योरिटीज मार्केट में खुदरा निवेशकों की भागदारी के लिए मोबाइल ऐप जारी किया .वहीं दूसरी तरफ सरल तरीके से ऑनलाइन आवेदन को लेकर ‘प्रवाह' पोर्टल शुरू किया गया है. मोबाइल ऐप के जरिये खुदरा निवेशक अब अपने स्मार्टफोन पर मोबाइल ऐप का उपयोग करके सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
इसके अलावा, किसी भी व्यक्ति या इकाई के लिए विभिन्न नियामकीय मंजूरियों के लिए सरल तरीके से ऑनलाइन आवेदन करने को लेकर प्रवाह पोर्टल शुरू किया गया है. केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि यह पोर्टल रिजर्व बैंक की तरफ से नियामकीय मंजूरी देने से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं को सुगम बनाएगा.
आरबीआई ने ‘फिनटेक रिपॉजिटरी' पहल किया शुरू
इसके अलावा आरबीआई ने ‘फिनटेक रिपॉजिटरी' पहल की है. गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा शुरू की गई इस तीसरी पहल का मकसद नियामकीय दृष्टिकोण से क्षेत्र की बेहतर समझ के लिए भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों के आंकड़ों का भंडारण करना और उचित नीति दृष्टिकोण तैयार करने में सुविधा प्रदान करना है.
.आरबीआई ने बयान में पोर्टल की विशेषताओं को साझा करते हुए कहा कि विभिन्न नियामक और निगरानी विभागों से जुड़े 60 आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा किये जा सकते हैं.संबंधित इकाई पोर्टल पर आवेदन की स्थिति को देख सकती है. साथ ही आरबीआई किसी आवेदन से संबंधित निर्णय समयबद्ध तरीके से भेज सकता है.इसमें कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर और आवेदन पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे.
रिटेल डायरेक्ट ऐप को ‘प्ले स्टोर' और ‘ऐप स्टोर' से कर सकते हैं डाउनलोड
सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री से जुड़े ‘रिटेल डायरेक्ट' मोबाइल ऐप के संबंध में बयान में कहा गया है कि इसके जरिये खुदरा निवेशक अब अपने स्मार्टफोन पर मोबाइल ऐप का उपयोग करके सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री कर सकते हैं. मोबाइल ऐप को एंड्रॉयड यूजर्स के लिए ‘प्ले स्टोर' और आईओएस यूजर्स के लिए ‘ऐप स्टोर' से डाउनलोड किया जा सकता है.
बयान के अनुसार, फिनटेक रिपॉजिटरी का लक्ष्य नियामकीय दृष्टिकोण और उपयुक्त नीतिगत रुख बनाने के मकसद से वित्तीय प्रौद्योगिकी इकाइयों, उनकी गतिविधियों, प्रौद्योगिकी उपयोग आदि के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त करना है. नियमन के दायरे में आने और उससे बाहर रहने वाली दोनों तरह की वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को रिपॉजिटरी में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
इसके साथ ही, ‘एमटेक रिपॉजिटरी' भी जारी किया गया है. यह केवल आरबीआई के दायरे में आने वाली इकाइयों (बैंकों और एनबीएफसी) के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों (कृत्रिम मेधा, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि) को अपनाने के लिए एक संबंधित रिपॉजिटरी है. फिनटेक और एमटेक रिपॉजिटरी सुरक्षित वेब-आधारित एप्लिकेशन हैं और इन्हें आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) प्रबंधित करती है.