आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने बुधवार को पीएमआई जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि सेवाओं में तेजी आने और विनिर्माण के दोबारा जोर पकड़ने के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पता चलती है. 'नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च' (एनसीएईआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि परचेजिंग मैनेजइ इंडेक्स (पीएमआई) से सेवा क्षेत्र एवं विनिर्माण गतिविधियों में तेजी के संकेत मिल रहे हैं.आंकड़ों के अनुसार, समग्र पीएमआई दिसंबर के 58.5 से बढ़कर जनवरी में 61.2 हो गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, विनिर्माण गतिविधि के लिए पीएमआई दिसंबर 2023 के 54.9 से बढ़कर जनवरी में 56.5 हो गया जबकि सेवाओं के लिए पीएमआई दिसंबर 2023 के 59 से बढ़कर जनवरी में 61.8 हो गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएमआई और जीएसटी संग्रह जैसे मासिक आंकड़े एक सशक्त व्यापक आर्थिक माहौल की ओर इशारा करते हैं.
एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा, 'मुद्रास्फीति का दबाव कम होने से खासकर खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में कमी का उत्साहजनक संकेत मिलता है.'
रिपोर्ट में माल एवं सेवा कर (Goods & Service Tax) यानी जीएसटी (GST) के मासिक संग्रह में तेजी का भी उल्लेख किया गया है जो जनवरी में सालाना आधार पर 10.4 प्रतिशत बढ़कर 1.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. वहीं दिसंबर की तुलना में जनवरी में जीएसटी संग्रह (GST Collection) 4.4 प्रतिशत बढ़ा है.
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