डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले भारतीय रुपये ने डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखाई है. घरेलू शेयर बाजारों और एशियाई करेंसी में सकारात्मक रुख के चलते, रुपये में 14 पैसे की बढ़त दर्ज की गई. इससे यह संकेत मिलता है कि बाजार ट्रंप के नेतृत्व को लेकर आशान्वित है. हालांकि, डॉलर के ऊंचे स्तर और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव रुपये की मजबूती के सामने चुनौती बने हुए हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले रुपया सोमवार को 14 पैसे मजबूत होकर 86.46 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर इंडेक्स के ऊंचे स्तर और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद, रुपया मजबूत बना हुआ है. ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले डॉलर की कीमत में कमी भारतीय रुपये के लिए सकारात्मक असर डाल सकती है.
डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति बताता है, 0.12% गिरकर 109.10 पर आ गया.
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत
रुपये की कीमत में मजबूती का असर भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजारों पर हो सकता है. रुपये की यह मजबूती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही निर्यातकों को ध्यान में रखते हुए नीति परिवर्तन की आवश्यकता भी हो सकती है अगर यह मजबूती लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह भारत की वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद कर सकती है, साथ ही विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित कर सकती है.
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.12% घटकर 80.69 डॉलर प्रति बैरल हो गई. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को 3,318.06 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं