
हर साल जब स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसे (Indian money in Swiss banks) की बात सामने आती है, तो ये मुद्दा संसद तक पहुंच जाता है. 2024 में खबरें आईं कि स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के फंड्स बढ़कर करीब 37,600 करोड़ रुपये हो गए हैं. इसी को लेकर संसद में सवाल पूछे गए. इस सवाल के जवाब में सरकार ने साफ किया कि ये आंकड़े ब्लैक मनी के नहीं माने जा सकते.
क्या वाकई स्विस बैंक में भारतीय पैसे 3 गुना बढ़े हैं?
राज्यसभा में जावेद अली खान के सवाल पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में स्विस नेशनल बैंक (SNB) के हवाले से ये कहा गया कि भारतीय लिंक वाले फंड्स में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि खुद स्विस अथॉरिटीज ने साफ किया है कि SNB के ये आंकड़े सिर्फ इंडियन रेसिडेंट्स की डिपॉजिट नहीं दिखाते.
जो आंकड़े स्विस नेशनल बैंक (SNB) दिखाता है, उसमें सिर्फ इतना नहीं होता कि भारतीयों ने स्विट्जरलैंड में कितना पैसा जमा कर रखा है. उसमें कई और चीजें भी शामिल होती हैं, जैसे-डेटा में कस्टमर डिपॉजिट्स, दूसरी लाइबिलिटीज, बैंकों को देय रकम और दुनियाभर में स्विस बैंकों की शाखाओं के आंकड़े शामिल होते हैं. ऐसे में ये मान लेना कि ये सब ब्लैक मनी है, गलत है.
ब्लैक मनी को लेकर क्या कर रही है सरकार?
सरकार ने बताया कि 2018 से भारत को ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इनफॉर्मेशन (AEOI) सिस्टम के तहत स्विट्जरलैंड से हर साल भारतीय अकाउंट्स की जानकारी मिल रही है. पहली बार ये डेटा सितंबर 2019 में मिला था और अब हर साल ये जारी रहता है.
इसके अलावा, 100 से ज्यादा देशों से भी भारत को फॉरेन इनकम और एसेट्स से जुड़ी जानकारी मिलती है. जहां भी टैक्स चोरी की पुष्टि होती है, वहां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जांच, सर्च, असेसमेंट, टैक्स वसूली, पेनल्टी और ज़रूरत पड़ने पर क्रिमिनल केस भी करता है.
2022 से अब तक कितनी ब्लैक मनी हुई रिकवर?
सरकार ने बताया कि 2015 में ब्लैक मनी एक्ट (BMA) लागू होने के बाद एक तीन महीने की one-time compliance window दी गई थी, जिसमें 684 लोगों ने 4,164 करोड़ रुपये की अघोषित विदेशी संपत्ति की जानकारी दी थी. इस पर 2,476 करोड़ रुपये टैक्स और पेनल्टी वसूली गई.
इसके बाद 31 मार्च 2025 तक BMA के तहत 1,021 असेसमेंट पूरे हो चुके हैं, जिनमें कुल 35,105 करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स और पेनल्टी लगाई गई है. इनमें से 163 मामलों में कोर्ट में मुकदमे भी फाइल किए गए हैं और 338 करोड़ रुपये की रिकवरी हो चुकी है.
स्विस बैंक में पैसा रखना गैरकानूनी नहीं
ये समझना जरूरी है कि स्विस बैंक में पैसा रखना अपने आप में कोई जुर्म नहीं है. अगर किसी ने ये पैसा सही तरीके से कमाया है और उसका टैक्स भी भरा है, तो उसे वहां अकाउंट रखने का पूरा हक है. सरकार ने संसद में दो टूक कहा है कि SNB के आंकड़ों को देखकर ये दावा नहीं किया जा सकता कि ये सब ब्लैक मनी है.
क्या स्विस बैंकों के अकाउंट में जमा पैसा है ब्लैक मनी ?
स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसे को लेकर अक्सर अटकलें लगाई जाती हैं, लेकिन सरकार ने साफ किया है कि SNB का डेटा बहुत विस्तृत है और इसे ब्लैक मनी की डायरेक्ट गणना नहीं माना जा सकता. भारत को अब हर साल दुनिया के 100 से ज्यादा देशों से जानकारी मिलती है, और ब्लैक मनी के खिलाफ एक मजबूत सिस्टम एक्टिव है.
इसलिए सिर्फ इतना समझना जरूरी है कि स्विस बैंक में अकाउंट होना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन अगर पैसा छुपाया गया हो, टैक्स न दिया गया हो या उसका सोर्स गलत हो, तभी वो ब्लैक मनी बनता है. और सरकार की नजर ऐसे ही मामलों पर है.
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