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भारत GDP रैंकिंग में 2025 तक जापान से आगे निकल जाएगा : रिपोर्ट

आईएमएफ का अनुमान है कि 2025 तक भारत की जीडीपी 4.339 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो जापान के 4.310 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है.

भारत GDP रैंकिंग में 2025 तक जापान से आगे निकल जाएगा : रिपोर्ट
Indian Economy: भारत डॉलर की जगह अब अपने रुपये का उपयोग करके 27 देशों के साथ व्यापार करता है जो वैश्विक व्यापार में इसके बढ़ते प्रभाव को उजागर करता है.
नई दिल्ली:

भारत जल्द जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. गुरुवार को जापानी मीडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. जापान टाइम्स में प्रकाशित यह आर्टिकल जापान के कुछ अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा पर आधारित है, जिसमें कैपिटल इकोनॉमिक्स के एशिया-प्रशांत प्रमुख मार्सेल थिएलियंट भी शामिल हैं.

रिपोर्ट में थिएलियंट के हवाले से बताया गया कि हमारे ताजा अनुमानों के मुताबिक, हमें उम्मीद है कि भारत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2026 तक जापान को पछाड़ देगा. हालांकि, हाल की घटनाओं के बाद पूर्वानुमानों की समीक्षा की जा रही है.

2025 में जीडीपी में जापान को पीछे छोड़ देगा भारत

आर्टिकल में बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का मानना है कि 2025 में भारत जीडीपी में जापान को पीछे छोड़ देगा. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुताबिक, ऐसा 2030 में हो सकता है.

भारत अब डॉलर की जगह रुपये में कर रहा व्यापार

अर्थशास्त्रियों के अनुसार, जो कारक भारत के पक्ष में काम कर रहे हैं, वह यह है कि देश 2000 के बाद से आर्थिक क्षमता के मामले में लगातार आगे बढ़ा है और इसकी जीडीपी 2022 में पहले ही यूके से आगे निकल गई है. भारत डॉलर की जगह अब अपने रुपये का उपयोग करके 27 देशों के साथ व्यापार करता है जो वैश्विक व्यापार में इसके बढ़ते प्रभाव को उजागर करता है.

उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक डिजिटल लेनदेन में भी देश की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है. भारत की जनसंख्या वृद्धि और युवा आबादी आर्थिक विस्तार के प्रमुख चालक हैं.

2025 तक भारत की जीडीपी 4.339 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

आईएमएफ का अनुमान है कि 2025 तक भारत की जीडीपी 4.339 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो जापान के 4.310 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है. यह आउटलुक भारत के मजबूत विकास पथ को रेखांकित करता है और जापान पर महत्वपूर्ण बढ़त दर्शाता है.

कमजोर येन के चलते जापान की रैंकिंग काफी प्रभावित

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि दूसरी ओर जापान लगातार मंदी और दशकों से चली आ रही अपस्फीति से जूझ रहा है. जापान की मुसीबतें उसकी बढ़ती आबादी और विभिन्न क्षेत्रों में कम उत्पादकता के कारण बढ़ी हैं. कमजोर येन भी इस रैंकिंग में जापान की स्थिति को काफी प्रभावित करता है. इसके अलावा परिवर्तन और डिजिटलीकरण के विरोध के कारण जापान में संरचनात्मक सुधार विफल हो गए हैं. लंबे समय से कार्यरत कर्मचारी अकसर नए तरीकों के बजाय पारंपरिक तरीकों को प्राथमिकता देते हैं.

चीन और जर्मनी की अर्थव्यवस्थाएं  जापान से आगे निकली

दशकों के ठहराव के बाद भी 2023 में जापान की विकास दर 1.9 प्रतिशत थी.आईएमएफ का अनुमान है कि 2024 में यह केवल 0.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. चीन और जर्मनी की अर्थव्यवस्थाएं पहले ही जापान से आगे निकल चुकी हैं. 2010 तक जापान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था.

एक वरिष्ठ आधिकारी का कहना है कि पिछले दशक में एक आर्थिक ताकत के रूप में बहुपक्षीय कूटनीति और वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत का प्रभाव देश की प्रगति का संकेत है. एशिया शक्ति सूचकांक में भारत जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन गया है, जो उसके बढ़ते भू-राजनीतिक कद को दर्शाता है.
 

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