
भारत 2047 तक 23-35 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी (GDP) के साथ एक उच्च आय वाला देश (High-Income Country) बन जाएगा. बैन एंड कंपनी और नैसकॉम (Bain & Company, NASSCOM) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की निरंतर 8-10% वार्षिक वृद्धि इसे इस मुकाम तक पहुंचाएगी. भारत का डेमोग्राफिक डिविडेंड (Demographic Dividend), टेक्नोलॉजी इनोवेशन (Technological innovation) और सेक्टोरल ट्रांसफॉर्मेशन (Sectoral Transformation) इस बदलाव को संभव बनाएंगे.
ग्रोथ के 5 प्रमुख सेक्टर
पांच प्रमुख क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक्स, एनर्जी, केमिकल्स, ऑटोमोटिव और सर्विस ग्लोबल ट्रेंड के साथ जुड़े होने के कारण रणनीतिक विकास लीवर के रूप में काम करेंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आय, कुशल श्रमिकों की बढ़ती संख्या और इंफ्रास्ट्रक्चर में निरंतर सुधार कुछ ऐसे प्रमुख कारक हैं जो इस वृद्धि को बढ़ावा दे सकते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, एनर्जी, केमिकल्स, ऑटोमोटिव और सर्विस सेक्टर भारत की आर्थिक प्रगति में मुख्य भूमिका निभाएंगे. डिजिटल और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर (Digital & transport infrastructure) में निवेश, घरेलू विनिर्माण और रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देना भारत को वैश्विक व्यापार और भविष्य की तकनीकों में लीडर बना सकता है.
आने वाले दशकों में लगभग 200 मिलियन व्यक्तियों के वर्कफोर्स में प्रवेश करने की उम्मीद के साथ, भारत के पास हाई-वैल्यू जॉब क्रिएशन को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण आर्थिक क्षमता को अनलॉक करने का एक बेहतरीन अवसर है.
ग्रीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी में संभावनाएं
भारत की रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) की हिस्सेदारी 2023 में 24% से बढ़कर 2047 में 70% हो सकती है. AI-पावर्ड डिज़ाइन (AI-Powered Design) और डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी (Digital Twin Technology) भारत के इंडस्ट्रियल ग्रोथ को तेज़ कर सकते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, यदि सरकार डिजिटल और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर (Digital & Transport Infrastructure) में निवेश जारी रखती है, तो भारत ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर (Global Technology Leader) बन सकता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो सेक्टर में उछाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटो-कंपोनेंट निर्यात (Auto-component export) 2047 तक 200-250 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) सेक्टर 2047 तक 3.5 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक विनिर्माण केंद्र (Global Manufacturing Hub) के रूप में उभर सकता है. 2027 तक भारत के ग्लोबल वैल्यू चेन (Global Value Chain) में हिस्सेदारी 3% से बढ़कर 10% हो सकती है.
बैन एंड कंपनी के पार्टनर लोकेश पायिक ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्षेत्रों में से एक है और यह 2047 तक 3.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने वाले वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है, जो वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत से अधिक का योगदान देगा."
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