
- मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार भारत अगले दस वर्षों में औसतन 6.5 प्रतिशत की दर से आर्थिक विकास कर सकता है.
- भारत का निर्यात क्षेत्र विकास की संभावनाओं से भरा है और व्यापक सुधार पैकेज से इसे बढ़ावा मिल सकता है.
- अगले 10 वर्षों में लगभग 8.4 करोड़ लोग वर्कफोर्स में शामिल होंगे, AI रोजगार वृद्धि को प्रभावित कर सकता है.
भारत की अर्थव्यवस्था पर दुनिया की नजर टिकी हुई है और आने वाले दशक में देश की ग्रोथ स्टोरी और भी चमकदार दिख रही है. अमेरिकन मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट बैंक एंड फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मॉर्गन स्टेनली की नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अगले 10 साल तक औसतन 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ सकता है. वहीं, अगर इंडस्ट्री और एक्सपोर्ट सेक्टर ने और स्पीड पकड़ी तो यह ग्रोथ दर और ज्यादा हो सकती है.
निर्यात क्षेत्र में वृद्धि की काफी संभावना
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि निर्यात क्षेत्र में भारत के पास वृद्धि की काफी संभावना है, जिसे एक व्यापक सुधार पैकेज को जरिए बढ़ाया जा सकता है. विश्लेषकों ने पहले बताया था कि जीएसटी सुधार के मद्देनजर वित्त वर्ष 26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से तेजी से बढ़ेगी, जिसे लेकर पहले 6 प्रतिशत की उम्मीद जताई गई थी.
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
मॉर्गन स्टेनली ने उन स्टडी का हवाला दिया है, जिसमें पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग एक्सपोर्ट से पैदा होने वाले नौकरी से संबंधित सेक्टर जैसे ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स में दो और नई नौकरियां पैदा होती है. इस संदर्भ में, भारत को अपने निर्यात बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर पेश करता है, जो वर्तमान में 1.8 प्रतिशत है, जो कामकाजी आयु की आबादी और जीडीपी के अनुपात में काफी कम है.
इंफ्रास्ट्रक्चर,स्किल्ड लेबर फोर्स और सिस्टैमेटिक अप्रोच का सुझाव
मॉर्गन स्टेनली ने एक व्यापक सुधार पैकेज का सुझाव दिया है, जिसमें पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास शामिल है.इसके अलावा, फर्म ने एक सिस्टैमेटिक अप्रोच की आवश्यकता पर जोर दिया, जो राज्य सरकारों को बिजनेस एनवायरमेंट को बेहतर बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करे कि लेबर फोर्स में स्किल्ड हो."
अगले 10 वर्षों में 8.4 करोड़ लोगों के वर्कफोर्स में शामिल होने की उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति निर्माता पहले से ही प्रयास कर रहे हैं, लेकिन नौकरियों की समस्या की गंभीरता गति बढ़ाने की जरूरत को दिखाती है.अगले 10 वर्षों में कम से कम 8.4 करोड़ लोगों के वर्कफोर्स में शामिल होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्लेषण से पता चलता है कि पार्टिसिपेशन रेट स्थिर रहने पर स्थिर बेरोजगारी दर सुनिश्चित करने के लिए 7.4 प्रतिशत की औसत जीडीपी विकास दर की आवश्यकता होगी.
रिपोर्ट के अनुसार, "अगर हम पार्टिसिपेशन रेट को धीरे-धीरे बढ़ाकर 63 प्रतिशत करने की अनुमति देते हैं, तो स्थिर बेरोजगारी दर सुनिश्चित करने के लिए 9.3 प्रतिशत की औसत जीडीपी विकास दर की आवश्यकता होगी."
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