
दुनिया में मची जियो-पॉलिटिकल और इकोनॉमिक उथल-पुथल के बावजूद भारतीय अर्थवयवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ के बावजूद भारतीय व्यापार जगत बेहतर परफॉर्म कर रहा है. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा निर्यात आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं, जिनमें भारत का निर्यात 6 से 7 फीसदी बढ़ने की बात सामने आई है. पिछले कुछ महीनों में न केवल भारतीय एक्सपर्ट, बल्कि अमेरिकी एक्सपर्ट भी ये कह चुके हैं कि भारत पर ट्रंप के टैरिफ का असर उल्टा अमेरिका पर ही पड़ सकता है.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ (आयात शुल्क) और वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारतीय निर्यात ने शानदार प्रदर्शन (लचीलापन) दिखाया है.
7 फीसदी बढ़ गया एक्सपोर्ट
केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि इन चुनौतियों के बावजूद, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में भारत के कुल निर्यात में लगभग छह से सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि गुड्स एक्सपोर्ट यानी माल निर्यात (Merchandise exports) में भी हमने पहले छह महीनों में भारत की विकास गाथा देखी है.'
पीयूष गोयल ने भारतीय निर्यातकों और व्यापारियों के आत्मविश्वास की सराहना करते हुए कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था में लचीलापन (Resilience) और आत्मविश्वास है.' उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हमारे सामानों और सेवाओं की मांग बनी हुई है.
#WATCH | Delhi: On US tariffs, Union Minister Piyush Goyal says, "The first six months' exports, despite all these uncertainties, have grown by about six per cent or seven per cent overall. And even in merchandise, we have seen a growth story of India in the first six months.… pic.twitter.com/P1jGJoN9mR
— ANI (@ANI) October 18, 2025
उन्होंने विश्वास जताया कि भारत अपनी इस विकास यात्रा को जारी रखेगा. कहा, 'हमें भरोसा है कि हम वित्त वर्ष 2025-26 का समापन भारतीय निर्यात में सकारात्मक ग्रोथ के साथ करेंगे. यह बयान दर्शाता है कि वैश्विक व्यापार में आने वाली रुकावटों के सामने भी भारतीय कारोबार मजबूत बने हुए हैं.'
वाणिज्य मंत्रालय ने भी जारी किए थे आंकड़े
आधिकारिक व्यापार आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में व्यापारिक निर्यात भी पिछले वर्ष इसी महीने के 34.08 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 6.74 फीसदी बढ़कर 36.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. देश के एक्सपोर्टरों के सबसे बड़े संगठन FIEO यानी फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट फेडरेशन ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष एस सी रल्हन के मुताबिक, आयात में वृद्धि इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और मध्यवर्ती वस्तुओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के निर्माण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की मांग करती है.
बीते बुधवार को वाणिज्य मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर कहा कि अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान कुल निर्यात (वस्तुएं और सेवाएं) 413.30 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जबकि अप्रैल-सितंबर 2024 में यह 395.71 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. यानि अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कई मैचों पर चुनौती के बावजूद मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान एक्सपोर्ट 4.45% तक बढ़ गया है.
अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान व्यापारिक निर्यात (merchandise exports) 220.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर रिकॉर्ड किया गया, जबकि अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान यह 213.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 3.02 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, सितंबर 2025 में व्यापारिक निर्यात (merchandise exports) में दर्ज़ वृद्धि की प्रमुख वजह इलेक्ट्रॉनिक सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चावल, समुद्री उत्पाद और ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स के एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी है. इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात सितंबर 2024 में 2.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 50.54 फीसदी बढ़कर सितंबर 2025 में 3.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.
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