बजट 2026-27 से पहले देश के सबसे बड़े उद्योग संगठन CII ने सरकार को एक बड़ा सुझाव पैकेज दिया है.CII का कहना है कि अगर सरकार पब्लिक इन्वेस्टमेंट , प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और फॉरेन इन्वेस्टमेंट तीनों पर एक साथ फोकस करे तो भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अपनी रफ्तार बनाए रख सकता है. CII ने कहा कि आने वाला बजट सिर्फ खर्च का नहीं बल्कि ग्रोथ को आगे बढ़ाने वाला होना चाहिए.
1. इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने का सुझाव
CII ने सरकार से कहा है कि 2026-27 में केंद्र का कैपिटल खर्च करीब 12 प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए और राज्यों को मिलने वाली कैपेक्स मदद भी 10 प्रतिशत तक बढ़ाई जाए.
2. नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन 2.0 शुरू करने की सलाह
2026 से 2032 के लिए 150 लाख करोड़ रुपये का नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन 2.0 ( National Infrastructure Pipeline 2.0) शुरू करने की सलाह दी गई है, इससे सड़क, रेल, बिजली, लॉजिस्टिक्स और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी आ सकती है.
3. MSME और मैन्युफैक्चरिंग को राहत की मांग
अपने सुझाव में CII ने यह भी कहा है कि कंपनियों को नए निवेश और टेक्नोलॉजी अपग्रेड के लिए प्रोत्साहन मिलना चाहिए. इसके लिए टैक्स में कुछ अतिरिक्त छूट या नियमों में थोड़ी ढील दी जा सकती है. खासकर MSME और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए पुराने समय की तरह तेज डिप्रिसिएशन का फायदा फिर से शुरू किया जाए, ताकि कंपनियां बिना ज्यादा बोझ के नई मशीन और टेक्नोलॉजी में निवेश कर सकें.
4. NIIF को मजबूत करने की सलाह
CII ने नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (National Investment and Infrastructure Fund-NIIF) को और मजबूत करने की बात कही है, इसके लिए एक सॉवरेन इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी काउंसिल ( Sovereign Investment Strategy Council) बनाने का सुझाव दिया गया है, ताकि सरकारी निवेश देश की प्राथमिकताओं के हिसाब से हो और लंबे समय में बेहतर नतीजे मिल सकें.
5. बजट को बताया स्टेबल और ग्रोथ वाला टूल
CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि बजट 2026-27 को दोहरी भूमिका निभानी होगी. एक तरफ यह मुश्किल समय में अर्थव्यवस्था को संभाले और दूसरी तरफ ग्रोथ को आगे बढ़ाए. उन्होंने कहा कि निवेश बढ़ाना आने वाले बजट का सबसे अहम हिस्सा होना चाहिए.
6. पब्लिक निवेश से आगे प्राइवेट निवेश पर फोकस
CII का मानना है कि कोरोना के बाद भारत की रिकवरी में पब्लिक कैपेक्स ने बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन आगे की ग्रोथ के लिए प्राइवेट और विदेशी निवेश को तेजी से आगे लाना जरूरी है. संगठन ने कहा कि बड़े प्रोजेक्ट चुनने और उन्हें समय पर पूरा करने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर एफिशिएंसी फ्रेमवर्क (Capital Expenditure Efficiency Framework) जैसे सिस्टम को अपनाया जाना चाहिए
7. टैक्स राहत से निवेश बढ़ाने की योजना
CII ने कहा कि पिछले बजट में इनकम टैक्स में राहत और हाल ही में GST से जुड़े सुधारों से मांग को सपोर्ट मिला है. अब अगला कदम खासकर क्लीन एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और लॉजिस्टिक्स जैसे सेक्टर में निवेश बढ़ाने का होना चाहिए. इसके लिए नई इन्वेस्टमेंट पर टैक्स बेनिफिट या आसान नियम मददगार हो सकते हैं.
8. NRI और विदेशी निवेश के लिए नया फंड
CII ने NRI Investment Promotion Fund बनाने का सुझाव दिया है, जिसमें सरकार की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत तक हो सकती है, यह फंड इंफ्रास्ट्रक्चर और AI जैसे सेक्टर में NRI और विदेशी निवेश को लाने में मदद करेगा, इसके लिए लंबी अवधि के बॉन्ड और खास ग्लोबल डायस्पोरा बॉन्ड (Global Diaspora Bonds) भी लाए जा सकते हैं.
9. विदेशी पूंजी लाने के नियम आसान करने की मांग
CII ने कहा कि ECB यानी विदेशी कर्ज से जुड़ी प्रक्रिया को आसान किया जाए. उधार की सीमा बढ़ाई जाए और समय भी लंबा दिया जाए. इसके साथ ही बड़े FDI प्रोजेक्ट के लिए सिंगल विंडो सिस्टम हो, जिसमें 60 से 90 दिन में मंजूरी मिल जाए. इससे बड़े निवेश तेजी से जमीन पर उतर सकेंगे.
10. ग्लोबल निवेशकों से सीधा संवाद का सुझाव
CII ने इंडिया ग्लोबल इकॉनॉमिक फोरम (India Global Economic Forum) बनाने की भी सलाह दी है. जहां बड़ी विदेशी कंपनियां, फंड और निवेशक सीधे सरकार के साथ बातचीत कर सकें. इससे भारत को नए सेक्टर में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी.
1 फरवरी को आएगा बजट 2026
बजट (Union Budget 2026-27) को 1 फरवरी को पेश किया जाना है. CII का मानना है कि अगर यह बजट निवेश को फोकस में रखकर बनाया गया तो भारत की अगली विकास यात्रा और मजबूत हो सकती है.
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