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अदाणी ग्रीन की बड़ी कामयाबी, पूरी ऑपरेशनल पोर्टफोलियो को वॉटर पॉजिटिव बनाने वाली दुनिया की पहली रिन्यूएबल कंपनी बनी

भारत में इतने बड़े स्केल पर किसी भी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को ऐसा सर्टिफिकेशन पहली बार मिला है. इसलिए अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) के लिए यह कामयाबी बहुत मायने रखता है.

अदाणी ग्रीन की बड़ी कामयाबी, पूरी ऑपरेशनल पोर्टफोलियो को वॉटर पॉजिटिव बनाने वाली दुनिया की पहली रिन्यूएबल कंपनी बनी
AGEL की वॉटर सेविंग इतनी है कि यह 467 ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल के बराबर है.
नई दिल्ली:

अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने ग्लोबल लेवल पर एक नया बेंचमार्क सेट किया है. कंपनी दुनिया की पहली रिन्यूएबल एनर्जी इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर (IPP) बन गई है जिसने अपनी पूरी 14 GW से ज्यादा की ऑपरेशनल पोर्टफोलियो को वॉटर पॉजिटिव (Water Positive) बना दिया है. खास बात ये है कि AGEL ने ये लक्ष्य FY26 से एक साल पहले ही हासिल कर लिया है.

AGEL को यह सर्टिफिकेशन ग्लोबल एश्योरेंस फर्म Intertek ने दिया है. यह सर्टिफिकेट कंपनी के 103 ऑपरेशनल साइट्स और 85 वॉटर कंजर्वेशन साइट्स की डीटेल ऑडिट के बाद मिला है. भारत में इतने बड़े स्केल पर किसी भी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को ऐसा सर्टिफिकेशन पहली बार मिला है.

वॉटर पॉजिटिव क्या है?

वॉटर पॉजिटिव होने का मतलब है ऐसी प्रैक्टिस अपनाना जो सिर्फ पानी बचाने तक सीमित न हो, बल्कि आस-पास के इलाकों में पानी की उपलब्धता भी बढ़ाए. इंडस्ट्री के लिए इसका मतलब होता है कि वे जितना पानी इस्तेमाल करती हैं, उससे ज्यादा ताजा पानी प्रकृति को वापस दें. वॉटर पॉजिटिव फ्रेमवर्क में पानी को संरक्षित करना, उसके इस्तेमाल को बेहतर बनाना और उसकी भरपाई में योगदान देना शामिल होता है.

रेगिस्तान में सस्टेनेबिलिटी की मिसाल 

कंपनी के सोलर और विंड प्लांट्स ऐसे एरिया में हैं जहां पानी एक लक्जरी माना जाता है, जैसे गुजरात का खवड़ा या थार का रेगिस्तान. इन मुश्किल हालात में भी AGEL ने सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दी है. AGEL की यह पहल इन इलाकों में पानी के लिए एक नई उम्मीद बन कर सामने आई है.

AGEL की वॉटर सेविंग इतनी है कि यह 467 ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल के बराबर है. यह पानी लक्षद्वीप जैसे द्वीप की आधे साल की जरूरत से भी ज्यादा है. 85 रिवाइटलाइज किए गए तालाबों से 1.23 लाख से ज्यादा लोगों को फायदा मिल रहा है, जिनमें कई पानी की कमी से जूझने वाले कम्युनिटी शामिल हैं.

टेक्नोलॉजी से बदली तस्वीर

AGEL की 54% से ज्यादा ऑपरेशनल क्षमता रोबोटिक क्लीनिंग टेक्नोलॉजी से चलती है, जिससे सालाना 546 मिलियन लीटर पानी की बचत होती है. कंपनी ने रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, ट्रेडिशनल वाटर बॉडीज को गहरा करने, और हवा से पीने का पानी बनाने वाले इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया है.कंपनी ने शुरुआत में 200 MW के ऑपरेशनल प्लांट्स को वॉटर पॉजिटिव बनाने का टारगेट रखा था, जिसे FY23 में ही हासिल कर लिया गया. इसके बाद पूरे पोर्टफोलियो को FY26 तक वॉटर पॉजिटिव बनाना नया लक्ष्य बना और अब उसे एक साल पहले ही हासिल कर लिया गया है.

AGEL के प्रवक्ता ने कहा, “हम सिर्फ ग्रीन एनर्जी नहीं बनाते, उसे सबसे बेहतर तरीके से बनाते हैं.” उन्होंने बताया कि क्लाइमेट चेंज से पानी की उपलब्धता पर असर पड़ने वाला है और भारत उन देशों में है जहां वॉटर सिक्योरिटी सबसे बड़ी चिंता है. इसलिए यह कामयाबी बहुत मायने रखता है.

आज AGEL की ऑपरेशनल पोर्टफोलियो वॉटर पॉजिटिव, सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री और जीरो वेस्ट-टू-लैंडफिल के सर्टिफिकेशन के साथ देश और दुनिया के लिए एक सस्टेनेबिलिटी मॉडल बन गई है. यह केवल कंपनी की नहीं, बल्कि देश की ग्रीन एनर्जी और क्लाइमेट एक्शन के लिए एक बेंचमार्क है.
 

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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