देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अगले माह वित्तवर्ष 2019-20 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी. इस साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था, और अब पेश किया जाने वाला पूर्ण बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा. फरवरी के अंतरिम बजट में सरकार ने न सिर्फ छोटे किसानों के लिए 75,000 करोड़ रुपये की निश्चित आय योजना पेश की थी, बल्कि कार्यवाहक वित्तमंत्री के रूप में बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को आयकर से पूरी छूट भी घोषित की थी, यानी जिनकी करयोग्य आय पांच लाख रुपये से कम रह जाएगी, उन्हें इनकम टैक्स नहीं देना होगा.
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अंतरिम बजट की सबसे अहम घोषणाओं में से एक थी, सरकार द्वारा छोटे किसानों के लिए घोषित की गई 6,000 रुपये नकद प्रतिवर्ष की सहायता देने वाली 75,000 करोड़ रुपये की 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' या 'PM किसान योजना'. इस योजना के अंतर्गत 2,000-2,000 रुपये साल में तीन बार इन छोटे तथा मंझोले किसानों के बैंक खातों में जमा करवाए जाएंगे, जिनकी ज़मीन दो एकड़ से कम है. वित्तमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि वह और उनकी टीम जनता से मिलने वाले फीडबैक का स्वागत करेंगी.
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उन्होंने कहा, "प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया पर शोधकर्ताओं, अर्थशास्त्रियों तथा इच्छुक लोगों की ओर से आ रहे हर विचार के लिए आभारी हूं... उनमें से कई को पढ़ती हूं; मेरी टीम भी उन्हें मेरे लिए एकत्र करती है... हर विचार का मूल्य समझती हूं... धन्यवाद... विचार भेजते रहिए..." कई विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी के बाद पेश होने जा रहे पहले बजट में आयकर के ढांचे में बदलाव नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह काम अंतरिम बजट में ही कर दिया गया था.
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बहरहाल, धीमी होती आर्थिक वृदि्ध के मद्देनज़र उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने कहा है कि नई सरकार को कॉरपोरेट तथा व्यक्तिगत करों में कटौती करनी चाहिए, तथा निर्यात पर आधारित उत्पादकों को टैक्स रियायतें देने पर विचार करना चाहिए.
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FICCI ने कहा, "आगामी बजट सरकार के लिए उचित वित्तीय प्रोत्साहन तथा नीतियों के ज़रिये खपत और निवेश बढ़ाने का अवसर है..." पूर्ण बजट की तैयारी से पहले ही सरकारी अधिकारियों ने FICCI और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ (CII) जैसी उद्योग संस्थाओं के साथ विचार-विमर्थ शुरू कर दिया है.
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(इनपुट एजेंसियों से भी)
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