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This Article is From Jul 03, 2019

अधिकांश करदाताओं को बजट में प्रत्यक्ष कर में बदलाव की उम्मीद नहीं : सर्वे

हाल में हुए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि अधिकांश भारतीय करदाताओं को इस बात की उम्मीद नहीं है कि पांच जुलाई को पेश किए जाने वाले आगामी केंद्रीय बजट में प्रत्यक्ष कर नीति में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है.

अधिकांश करदाताओं को बजट में प्रत्यक्ष कर में बदलाव की उम्मीद नहीं : सर्वे
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

हाल में हुए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि अधिकांश भारतीय करदाताओं को इस बात की उम्मीद नहीं है कि पांच जुलाई को पेश किए जाने वाले आगामी केंद्रीय बजट में प्रत्यक्ष कर नीति में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है. केपीएमजी के बजट पूर्व सर्वेक्षण में शामिल किए गए करदाताओं में से लगभग 53 प्रतिशत महसूस करते हैं कि प्रत्यक्ष करों पर कोई बड़ी घोषणा नहीं होने वाली है. लगभग 27 प्रतिशत का कहना है कि बड़े बदलाव होंगे, जबकि 20 प्रतिशत किसी बदलाव के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं.

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रपट में कहा गया है, "नया और सरलीकृत प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) तैयार की जा रही है, और अधिकांश प्रतिक्रियादाताओं को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2019-20 में प्रत्यक्ष कर नीति में किसी बड़े संशोधनों की घोषणा नहीं होने वाली है."

रपट में कहा गया है, "न्यूनतम वैकल्पिक कर, लाभांश वितरण कर, सरचार्ज और सेस जैसी लेवी में भी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है." सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश कंपनियों को भी कॉरपोरेट कर में कटौती की उम्मीद नहीं है.

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रपट में कहा गया है, "अधिकांश प्रतिक्रियादाताओं को उम्मीद है कि छोटी कंपनियों पर लागू 25 प्रतिशत कॉरपोरेट कर में कटौती की संभावना नहीं है. प्रतिक्रियादाताओं को उम्मीद है कि एलएलपी (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप) के लिए कर दर को भी कंपनियों के लिए लागू कर दर के समान कर दिया जाएगा."

(इनपुट आईएएनएस से)

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