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'चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट बजट के मसले पर अपनी राय दे चुके हैं'
'तीसरी तिमाही के आंकड़ों के बिना बजट तैयार करना वैज्ञानिक नहीं होगा'
सरकार ने बजट समय से पहले पेश करने के फैसले को उचित ठहराया है
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "हमने सरकार को कहा है कि बजट में वो कोई एसा चीज़ ना लाएं जिससे बीजेपी को चुनावी फायदा पहुंचे. अगर ऐसा हुआ तो इसका असर इस 9 दिन के संसद के बजट सत्र के पहले चरण पर पड़ेगा." उधर विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने बजट समय से पहले पेश करने के फैसले को उचित ठहराया है. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा, "चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट बजट के मसले पर अपनी राय दे चुके हैं."
लेकिन सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने जवाब देने में देरी नहीं की, कहा जब तीसरी तिमाही के आंकड़े अभी नहीं आए हैं, ऐसे में बजट तैयार करना वैज्ञानिक नहीं होगा. सीताराम येचुरी ने कहा, बजट क्यों समय से पहले पेश करने का फैसला हुआ? नोटबंदी का जो असर होगा उसका बजट में सही आंकलन नहीं हो पाएगा. तीसरी तिमाही के आंकड़े सरकार के सामने नहीं हैं जिसके आधार पर बजट अब तक तैयार होता रहा है."
विपक्ष के क़ड़े तेवरों से साफ है कि शीतकालीन सत्र के बाद बजट सत्र के दौरान भी संसद का कामकाज चलाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा. अब देखना होगा कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान होने वाले इस सत्र के दौरान सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है.
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