चुनाव आयोग का फाइल फोटो...
नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय बजट पेश किए जाने के खिलाफ विपक्ष की शिकायत पर सरकार ने मंगलवार को चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा और बजट सत्र पहले बुलाने के निर्णय का बचाव किया.
कैबिनेट सचिव ने चुनाव आयोग को इस बारे में लिखा है. आयोग ने विपक्षी दलों के ज्ञापन के आधार पर जवाब मांगा था. इस ज्ञापन में आयोग से आग्रह किया गया था कि वह विधानसभा चुनाव होने तक बजट को टालने के लिए सरकार से कहे.
समझा जाता है कि सरकार ने केंद्रीय बजट को पूरे देश के संदर्भ में होने वाली वार्षिक संवैधानिक पहल बताया है जो केवल कुछ राज्यों से जुड़ी नहीं है.
समझा जाता है कि सरकार का जवाब विपक्ष के उन आरोपों को खारिज करने वाला है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि यह पहल चुनाव वाले राज्यों में मतदाताओं को लुभाने के लिए हैं.
सरकार ने यह भी कहा कि बजट को पहले पेश किया जाना इसलिए भी जरूरी था, क्योंकि इससे विभिन्न क्षेत्रों के लिए बजटीय प्रावधानों का आवंटन एक अप्रैल से होना सुनिश्चित किया जा सकेगा, जब से नया वित्त वर्ष शुरू होता है.
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