पहली बार रेल बजट अलग से नहीं होगा पेश... (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
वित्तमंत्री अरुण जेटली बुधवार को आम बजट पेश करेंगे. इस बार कुछ अहम बदलाव देखने को मिल रहे हैं. 93 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब रेल बजट अलग पेश नहीं होगा. यही नहीं पहली बार आम बजट फरवरी की आखिरी तारीखों की बजाय 1 फरवरी को पेश होगा. इस बार भी आम लोगों को सरकार से टैक्स में कुछ छूट की उम्मीद है. यही नहीं वित्तमंत्री 50 हजार रुपये से ज्यादा के कैश ट्रांजेक्शन पर टैक्स का ऐलान भी कर सकते हैं.
- रेल बजट को आम बजट में विलय के लिए राष्ट्रपति ने भारत सरकार (कामकाज का आवंटन) नियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दे दी है. अब आर्थिक मामलों का विभाग दोनों बजट तैयार करेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल सितंबर में वित्त वर्ष 2017-18 से रेल बजट को आम बजट में मिलाने के लिए कुछ ऐतिहासिक बजटीय सुधारों को मंजूरी दी थी. रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा 1924 से शुरू हुई थी. आजादी के बाद भी यह परंपरा चलती रही जबकि अलग रेल बजट की कोई संवैधानिक विवशता नहीं है. नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय और किशोर देसाई की कमेटी ने रेल बजट खत्म करने की सिफारिश की थी.
- बजट शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के 'बॉजेट' से हुई है, जिसका अर्थ होता है चमड़े का बटुआ. बजट के जरिए सरकार अगले साल के आय-व्यय का ब्योरा पेश करती है. वर्ष 2000 तक आम बजट शाम 5 बजे पेश होता था, लेकिन वाजपेयी सरकार के वक्त इसे बदला गया और तब के वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने इसे 11 बजे पेश करना शुरू किया था.
- जेम्स विल्सन को भारतीय बजट का संस्थापक कहते हैं. भारत का पहला बजट 18 फरवरी 1860 को वायसराय की परिषद में जेम्स विल्सन ने पेश किया था.
- स्वतंत्र भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्तमंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था.
- पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने पीएम के साथ वित्तमंत्री भी रहते हुए बजट पेश किए थे. नेहरू ऐसे पहले पीएम थे जिन्होंने बजट पेश किया था.
- भारतीय इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड वित्तमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है, वित्तमंत्री रहते हुए उन्होंने दस बार बजट पेश किया था.
- मोरारजी देसाई के बाद अगर किसी का नाम आता है तो वे हैं पी चिदंबरम जिन्होंने 9 बार बजट पेश किया.
- गौरतलब है कि इस बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा (60 साल से कम आयु के लोगों के लिए) मौजूदा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाई जा सकती है. कुछ जानकार और सर्वे कह रहे हैं कि यह छूट साढ़े तीन लाख तक बढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा जानकार मानते हैं कि जेटली सर्विस टैक्स जोकि अभी 15 फीसदी है, को 16-18 फीसदी बढ़ा सकते हैं. यदि सरकार द्वारा सर्विस टैक्स बढ़ा दिया जाता है तो आम आदमी के लिए होटेल में खाना पीना, फोन का बिल, हवाई यात्रा की टिकट आदि जैसी कई सेवाओं और वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे.
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